पोर्टल पर डेटा की प्रविष्टि की मॉनिटरिंग डीडीसी करें सुनिश्चित : राजेश्वरी बी

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Eksandeshlive Desk

रांची : पंचायत निदेशक राजेश्वरी बी ने कहा कि पोर्टल पर डेटा की प्रविष्टि की मॉनिटरिंग डीडीसी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पंचायत उन्नति सूचकांक के तहत जिलेवार आकलन में बताया कि लोहरदगा ने 59.37 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रथम स्थान, उसके बाद खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, धनबाद और जामताड़ा ने क्रमशः द्वितीय, तृतीय चतुर्थ और पंचम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि झारखंड ने पंचायत उन्नति सूचकांक (पीएआई 2.0) के तहत स्वास्थ्य पंचायत की थीम में बेहतर काम किया है। पंचायत उन्नति सूचकांक(पीएआई) का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य को हासिल करना है। इसके तहत पंचायतों को 9 थीम पर फोकस कर काम करना है। उन्होंने कहा कि फंड की उपलब्धता को देखते हुए हर साल किन्हीं दो थीम को फोकस कर कार्य करें फिर अगले साल किन्हीं दो थीम पर। इस तरह हम अपने लक्ष्य को पा सकेंगे। राजेश्वरी बी गुरुवार को रांची के एक स्थानीय होटल में आयोजित पंचायत उन्नति सूचकांक (पीएआई-2) पर राज्य स्तरीय प्रसार कार्यशाला को संबोधित कर रही थीं।

पीएआई पोर्टल पर पंचायतों में हो रहे विकास कार्यों की प्रविष्टि करना भी जरूरी : राजेश्वरी बी ने पंचायत उन्नति सूचकांक के तहत जिलेवार आकलन में बताया कि लोहरदगा ने 59.37 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रथम स्थान, उसके बाद खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, धनबाद और जामताड़ा ने क्रमशः द्वितीय, तृतीय चतुर्थ और पंचम स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि अन्य पंचायतों ने भी अच्छा काम किया है लेकिन अच्छा काम करने के साथ-साथ उसका प्रदर्शन करना भी जरूरी है। पीएआई पोर्टल पर पंचायतों में हो रहे विकास कार्यों की प्रविष्टि भी सुनिश्चित होनी चाहिए नहीं तो पंचायत उन्नति सूचकांक में पिछड़ जायेंगे। उन्होंने सभी जिलों के डीडीसी को निदेश दिया कि इसकी भी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें कि पोर्टल पर डेटा की प्रविष्टि हो रही है या नहीं। उन्होंने कहा कि पीएआई पोर्टल पर डेटा की कम इंट्री को देखते हुए ही यह कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि पंचायतें अच्छा काम करते हैं पर उसका प्रदर्शन उचित जगह नहीं कर पाते हैं जिस कारण हमलोगों सूचकांक में पिछड़ रहे हैं।

पंचायत सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से काम कर रही है राज्य सरकार : राजेश्वरी बी ने कहा कि राज्य सरकार पंचायत सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से काम कर रही है। पंचायत भवन को सुदृढ़ किया जा रहा है। डिजिटल पंचायत प्रोग्राम शुरू किया गया है। पंचायत भवन में सारे डिजिटल काम किए जा रहे हैं। इसलिए डेटा प्रविष्टि में भी अब कोई समस्या नहीं आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंचायती राज में मुखिया केंद्र में है। पंचायत में सभी विकास के काम मुखिया के माध्यम से ही होते हैं। विकास कार्य में सरकार की सभी गतिविधियों में मुखिया की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। अब सभी जिलों में ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया जा रहा है, जिसके लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम पोर्टल बनाया गया है जिसमें प्रविष्टि कर ट्रेनिंग सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए इस तरह के कार्यशाला के आयोजन से मुखिया को भी लाभ होगा। इस अवसर पर पंचायत उन्नति सूचकांक (पीएआई 2.0) के तहत बेहतर कार्य करने वाले जिलों, प्रखंडों और पंचायतों को सम्मानित किया गया। कार्यशाला में जिला परिषद के अध्यक्ष,विभिन्न जिलों के डीडीसी, पंचायती राज की अपर सचिव शैल प्रभा कुजूर सहित जिला पंचायत पदाधिकारी, विभिन्न पंचायतों के मुखिया, विभिन्न जिलों से आए संबंधित विभाग के पदाधिकारी, कर्मचारी एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।