प्रधानमंत्री और उनकी दिवंगत माता पर डीपफेक वीडियो मामले में एफआईआर दर्ज

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Eksandeshlive Desk

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी दिवंगत माता हीराबेन की छवि का कथित डीपफेक वीडियो बनाकर मज़ाक बनाने और अपमानित करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने कांग्रेस और उसके जिम्मेदार पदाधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह शिकायत भाजपा दिल्ली चुनाव प्रकोष्ठ के संयोजक संकेत गुप्ता की ओर से दर्ज कराई गई थी। शिकायत के अनुसार, 10 सितंबर की शाम 6:12 बजे कांग्रेस के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल आईएनसी बिहार से प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो साझा किया गया। यह वीडियो पूरी तरह से एआई/डीपफेक तकनीक से तैयार मनगढ़ंत सामग्री है, जिसमें प्रधानमंत्री को उनकी दिवंगत माता के साथ दिखाया गया है। भाजपा का आरोप है कि यह वीडियो प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को धूमिल करने और संवैधानिक पद की गरिमा को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से बनाया और प्रसारित किया गया। शिकायतकर्ता संकेत गुप्ता ने पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में कहा, “प्रधानमंत्री की दिवंगत माता साधारण जीवन और त्याग की प्रतिमूर्ति थीं। उन्हें अब इस तरह के राजनीतिक प्रोपेगेंडा से खुद का बचाव करने का अवसर भी नहीं है। उनकी छवि और आवाज को छेड़छाड़ कर चुनावी लाभ के लिए इस्तेमाल करना न सिर्फ प्रधानमंत्री की गरिमा पर हमला है, बल्कि मातृत्व और नारी सम्मान का भी घोर अपमान है।” उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार का कृत्य भारतीय समाज की उस मूल भावना पर चोट करता है, जो मां और बेटे के रिश्ते को पवित्र मानती है।

कांग्रेस-आरजेडी रैली में भी अभद्र भाषा का आरोप : शिकायत में यह भी कहा गया है कि हाल ही में बिहार के दरभंगा में कांग्रेस और आरजेडी की संयुक्त रैली के दौरान कुछ समर्थकों ने प्रधानमंत्री और उनकी माता पर अपमानजनक टिप्पणियां की थीं। भाजपा का कहना है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल बार-बार सुनियोजित तरीके से इस प्रकार की हरकतें कर रहे हैं, जो न केवल राजनीतिक शिष्टाचार के खिलाफ हैं बल्कि भारतीय परंपराओं और सामाजिक मूल्यों का भी अपमान है। पुलिस सूत्राें के अनुसार शिकायत मिलने के बाद नई दिल्ली जिले के नॉर्थ ऐवेन्यू थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने यह मामला भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं 318(2), 336(3)(4), 340(2), 352, 356(2), 61(2) सहित सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) और डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि संबंधित डीपफेक वीडियो और उसकी डिजिटल कॉपी साक्ष्य के तौर पर जब्त कर संरक्षित की जाएगी। प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व ट्विटर) को वीडियो हटाने और वीडियो के निर्माण व प्रसार से जुड़े तकनीकी विवरण (आईपी लॉग्स, मेटाडेटा) उपलब्ध कराने के लिए नोटिस भेजा जाएगा। वीडियो बनाने और फैलाने के पीछे की कथित साजिश का खुलासा करने के लिए विस्तृत जांच की जा रही है।

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