Ashutosh Jha
काठमांडू : भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन वार्ता हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत अब आतंकवाद को “प्रॉक्सी वार” नहीं मानता, बल्कि इसे “वास्तविक युद्ध” मानकर जवाब देगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि हाल में भारत-पाकिस्तान के बीच बनी रुकावट संयुक्त राज्य अमेरिका की मध्यस्थता से नहीं, बल्कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच सीधे बातचीत के ज़रिए बनी थी। मोदी ने दोहराया कि भारत ने कभी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं की और भविष्य में भी नहीं करेगा।
उन्होंने ट्रंप को “ऑपरेशन सिंदूर” की प्रगति और भारत का आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट रुख बताया, जिसने पाकिस्तान के आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया। यह बातचीत G7 सम्मेलन के दौरान ट्रंप के आग्रह पर हुई, जो दोनों के बीच व्यक्तिगत मुलाक़ात अधर में होने के बाद हुई थी। ट्रंप ने G7 के बाद मोदी को अमेरिका आने का निमंत्रण दिया, लेकिन मोदी ने पहले से निर्धारित कार्यक्रमों के कारण मना कर दिया और इसके स्थान पर ट्रंप को भारत आने का आमंत्रण दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार किया। स फोन कॉल ने एक स्पष्ट मैसेज भेजा है कि भारत अपनी विदेश नीति में तीसरी पार्टी को शामिल नहीं करने का दृढ़ संकल्प रखता है। साथ ही, यह भी संकेत मिलते हैं कि अमेरिका-भारत संबंध गहन और रणनीतिक रूप से आगे बढ़ रहे हैं। उक्त जानकारी भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री के द्वारा प्राप्त हुई।