प्रखंड प्रमुख के पहल के बाद विभाग आया हरकत में, लागू की नई व्यवस्था

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स्कूलों में एमडीएम का चावल स-समय व सही वजन के साथ उपलब्ध कराने को लेकर बीईईओ ने जारी किया दिशा निर्देश


अजय राज
प्रतापपुर(चतरा): मध्याह्न भोजन योजना भारत सरकार द्वारा संचालित एक महत्वपूर्ण व महत्वाकांक्षी योजना है जिसका उद्देश्य प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों में पोषण की स्थिति में सुधार करना और स्कूल छोड़ने की दर को कम करना है। चावल मध्याह्न भोजन का एक महत्वपूर्ण घटक है। यदि चावल की आपूर्ति में कोई बाधा आती है तो स्कूलों को भोजन बनाने में कठिनाई हो सकती है जिससे बच्चों को भोजन मिलने में देरी हो सकती है या वे भोजन से वंचित भी रह सकते हैं। प्रखंड प्रमुख प्रतापपुर को लगातार विभिन्न विद्यालयों के सचिव तथा प्रबंधन समिति के अध्यक्ष के द्वारा स्कूलों को मिलने वाले एमडीएम का चावल गोदाम से समय पर नहीं उपलब्ध कराने तथा सही वजन के साथ नहीं देने की शिकायत मिल रही थी।इस बारे में प्रखंड प्रमुख स्मिता प्रकाश ने कहा कि निविदा धारक को प्रखंड मुख्यालय स्थित गोदाम से प्रखंड अंतर्गत सभी मध्यान भोजन संचालित विद्यालयों में DSD के माध्यम से चावल पहुंचाना है। परंतु लगातार यह शिकायत मिल रही है कि एमडीएम का चावल की डिलीवरी स-समय नहीं की जाती है वहीं दिया जाने वाला चावल में भी भारी शॉर्टेज रहता है अर्थात् प्रत्येक बोरी में 44–45 किलो हीं चावल रहता है। इससे प्रतीत होता है कि स्कूलों को दिए जाने वाले एमडीएम के चावल में घोर अनियमितता फल फूल रहा है जो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है अतः स्कूलों को मिलने वाले मध्यान भोजन का चावल स-समय तथा सही मात्रा में वजन कर रिसीव करने की जिम्मेवारी संबंधित विद्यालय के सीआरपी तथा विद्यालय के सचिव को सौंपी गई है तथा इससे संबंधित निर्देश पत्र प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी द्वारा जारी कर दिया गया है साथ ही नई व्यवस्था के अनुसार चावल का उठाव प्रतिदिन प्रखण्ड गोदाम से प्रदुमन कुमार (एमडीएम ऑपरेटर) और अनुसेवक मुकेश कुमार की निगरानी में होगा।संबंधित संकुल साधनसेवी और विद्यालय के सचिव के संयुक्त हस्ताक्षर के साथ प्रमाणपत्र उसी दिन शाम 5 बजे तक बीआरसी प्रतापपुर को जमा करना अनिवार्य होगा।चावल का उठाव संकुलवार किया जाएगा जिसकी सूचना वाट्सएप पर प्रतिदिन सुबह दी जाएगी।यह आदेश आने के बाद प्रखंड के विद्यालयों में फिर से नियमित रूप से मध्यान भोजन संचालन का रास्ता साफ हो गया है। प्रखंड प्रमुख ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि “बच्चों को मिलने वाले मध्यान भोजन के चावल में किसी भी तरह की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।। हम पूरी ईमानदारी से यह सुनिश्चित करेंगे कि विद्यालय में पढ़ने वाले हर बच्चे को समय पर भोजन मिले तथा इसके लिए चावल का उठाव स-समय तथा उचित मात्रा के साथ हो।।