SUNIL VERMA
रांची: डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग द्वारा प्रो. नलिनी कांत महतो की 39 वर्षों की दीर्घकालिक सेवा के उपरांत विदाई हेतु कौटिल्य सभागार में विशेष सम्मान समारोह आयोजित किया गया। इस समारोह में विभाग के शिक्षकों, छात्रों तथा विशिष्ट अतिथियों ने उपस्थित होकर प्रो. महतो के उत्कृष्ट योगदान और निस्वार्थ सेवा के प्रति अपना आदर व्यक्त किया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) तपन कुमार शांडिल्य ने कहा कि प्रो. महतो ने अपने 39 वर्षों की सेवा के दौरान शिक्षा और अनुशासन के उच्चतम मानदंड स्थापित किए हैं। उनकी निष्ठा, समर्पण और विद्यार्थियों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता अद्वितीय है। उन्होंने न केवल भूगोल विभाग को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि परीक्षा विभाग में भी अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। प्रो. महतो का योगदान विश्वविद्यालय के लिए अमूल्य है, और उनकी विदाई से उत्पन्न कमी को भर पाना कठिन होगा। हम उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं। विश्वविद्यालय परीक्षा कार्य में उनके अनुभव का लाभ लेता रहेगा।
विश्वविद्यालय की कुलसचिव डा नमिता सिंह ने प्रो. नलिनी कांत महतो के योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि वे निःस्वार्थ भाव से विश्वविद्यालय के उत्थान में लगे रहते थे। इस अवसर पर विश्वविद्याय के रसायन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. खुर्शीद अख्तर ने प्रो. महतो के विभाग के उत्थान में किए गए उल्लेखनीय योगदान पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने प्रो. महतो की शिक्षा के प्रति समर्पण, उनके गहन ज्ञान तथा विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को स्मरण किया। उन्होंने बताया कि प्रो. महतो ने परीक्षा प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने, निष्पक्षता सुनिश्चित करने तथा विश्वविद्यालय के शैक्षणिक मानकों की गरिमा बनाए रखने में प्रमुख भूमिका निभाई। उनके सहयोगियों ने उनके सतत समर्थन और ज्ञान-पिपासा को प्रोत्साहित करने वाले समावेशी शैक्षणिक वातावरण के निर्माण के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
विद्यार्थियों ने प्रो. महतो के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट की, उनकी प्रेरणादायक शिक्षाओं, सहज स्वभाव और उनके मार्गदर्शन की प्रशंसा की।
इस समारोह का संचालन डॉ. अभय कृष्ण सिंह ने किया। डॉ. सिंह ने कहा कि वे एक प्रेरणास्रोत और आदर्श शिक्षक रहे हैं। उन्होंने न केवल शिक्षण में उत्कृष्टता दिखाई, बल्कि अपने जीवन मूल्यों से भी सभी को प्रभावित किया। उनके मार्गदर्शन में अनेक छात्रों ने सफलता की राह पाई है। डॉ. सजलेन्दु घोष ने कहा कि प्रो. महतो की विद्वत्ता और समर्पण ने विभाग को नई दिशा दी है। उनके सरल स्वभाव और गहन ज्ञान ने छात्रों और सहकर्मियों को हमेशा प्रेरित किया।
अपनी विदाई के दौरान प्रो. महतो ने अपने सहयोगियों, छात्रों तथा विश्वविद्यालय प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने अपनी यात्रा का स्मरण करते हुए विभाग की प्रगति पर गर्व जताया और भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रकट कीं। इस अवसर पर अन्य लोगों के अतिरिक्त डा . सर्वोत्तम कुमार, डॉ. गणेश चन्द्र बास्के, डॉ. पंकज कुमार, डॉ. रेखा झा, डॉ. अनिता मेहता, डॉ. पीयूष बाला एवं विभाग के शोध विद्यार्थी उपस्थित थे। राँची विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर भूगोल विभाग के शिक्षक भी इस अवसर पर उपस्थित थे।