अजय राज
प्रतापपुर(चतरा): प्रतापपुर प्रखंड में किसी भी जनवितरण प्रणाली दुकान के डीलर के द्वारा लाभुकों को अगस्त माह का राशन नहीं दिया जा रहा है। मालूम हो कि मॉनसून को देखते हुए सरकार द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया था कि किसी भी हालत में राज्य के पीडीएस राशन कार्ड धारियों को 30 जून तक एक साथ जून, जुलाई एवं अगस्त माह का राशन वितरित कर देना है।। परंतु ताज्जुब की बात है कि जून माह का 30 तारीख बीत गया परंतु किसी भी डीलर के द्वारा राशन कार्ड धारियों को अगस्त माह का राशन नहीं दिया गया है। लाभुकों का कहना है कि हमलोग को सिर्फ दो माह जून एवं जुलाई माह का राशन दिया गया है वहीं अगस्त माह का राशन मांगने पर राशन देने से मना कर दिया गया।। इस बारे में जब कई पीडीएस दुकानदारों से बात की गई तो उनका कहना है कि जब हमलोग को गोदाम से सिर्फ जून- जुलाई यानि दो माह का हीं राशन उपलब्ध कराया गया हैं तो हमलोग अगस्त माह का राशन आखिर कैसे दे सकते हैं। जब गोदाम से अगस्त माह का राशन मिलेगा तो कार्ड धारियों को हमलोग राशन देंगे।
क्या कहते हैं प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी
इस बारे में पूछे जाने पर एमओ अजीत गोप का कहना है कि गोदाम में चावल काफी दिनों से एक माह का बैक लॉग में चल रहा है फिर भी डीलरो को तीनों माह का राशन देना चाहिए। जब उनसे कहा गया कि डीलर का कहना है कि अगस्त माह का चावल नहीं मिला है तो वो लोग तीनों माह का चावल कैसे देंगे।इस कर उन्होंने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
क्या कहते हैं जिला आपूर्ति पदाधिकारी मनिंदर भगत
वहीं प्रतापपुर प्रखंड में डीलरो के द्वारा अगस्त माह का राशन नहीं दिए जाने के सवाल पर जिला आपूर्ति पदाधिकारी का कहना है कि इस बारे में उच्चाधिकारियों को पत्र लिखा गया है चूंकि प्रतापपुर में पिछले एक दो साल से एक माह का राशन बैक लॉग चल रहा है इस वजह से ये परेशानी हो रही है अगर सरकार के द्वारा चावल उपलब्ध करा दिया जाता है तो अगस्त माह का चावल लाभुकों को वितरित कर दिया जाएगा।।
अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब राज्य के अन्य जिलों में सरकार के निर्देशानुसार जून माह में हीं लाभुकों को एक साथ तीन माह का चावल वितरित कर दिया गया तो फिर प्रतापपुर प्रखंड में आखिर सरकार का निर्देशों का पालन नहीं करने के पीछे क्या मजबूरी या मंशा है यह स्पष्ट होना चाहिए।।आखिर गरीबों के निवाले को गटकने का कोई खेल तो नहीं चल रहा ये जांच का विषय है। बहरहाल अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है अब देखना यह है कि प्रखंड के हजारों लोगों का लगभग 4 हजार कुंटल चावल गरीबों को कब नसीब होता है।।