Ashutosh Jha
काठमांडू : पर्यटन को बढ़ावा देने में होटल उद्योग को रीढ़ की हड्डी माना जाता है, लेकिन राज्य का व्यवहार अभी भी इसके विपरीत ही दिख रहा है, ऐसी शिकायत काठमांडू के होटल व्यवसायियों ने किया है। नेपाल पत्रकार मंच के साथ संवाद के दौरान होटल व्यवसायी संघ काठमांडू के अध्यक्ष सुरेश बराल ने रात 10 बजे के बाद पुलिस द्वारा सीटी बजाकर होटल बंद कराने की परंपरा पर कड़ा ऐतराज जताया। उन्होंने कहा, “हम कोई अपराध नहीं कर रहे हैं, हम पर्यटन सेवा में लगे हुए हैं, लेकिन हमारे साथ अपराधियों जैसा व्यवहार किया जा रहा है।”
बराल के अनुसार, देश–विदेश से आने वाले पर्यटकों की भीड़ वाले क्षेत्रों में स्थित होटलों को सुरक्षा का भरोसा देना तो दूर, पुलिस द्वारा जबरन बंद कराना पर्यटन–मैत्री माहौल के लिए घातक है। “राज्य की नीति और व्यवहार—दोनों में बदलाव जरूरी है,” उन्होंने जोड़ा। संघ के सचिव अनिष बानिया, जो त्रिभुवन अंतर्राष्ट्रीय विमानस्थल के नजदीक होटल रॉयल पैलेस के संचालक भी हैं, उन्होंने भी रात के समय होटल संचालन में रोक लगाने के व्यवहार को लेकर गहरी नाराजगी जाहिर की। “हम कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हैं, कर चुकाते हैं, फिर भी दोषी जैसा व्यवहार झेलना पड़ता है,” उन्होंने कहा। इस अवसर पर नेपाल पत्रकार मंच के अध्यक्ष युवराज विद्रोही ने पत्रकारिता क्षेत्र को हमेशा न्याय और विकास के पक्ष में खड़ा बताते हुए कहा कि मंच होटल व्यवसायियों की आवाज को राज्य तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है। “हम न केवल व्यवसायियों के साथ हैं, बल्कि राष्ट्र की आर्थिक रीढ़ की रक्षा में भी साथ देंगे,” उन्होंने स्पष्ट किया।