Eksandeshlive Desk
रांची : राज्य के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री श्री बादल ने कहा कि लगातार जलावायु परिवर्तन की वजह से राज्य का किसान बीते दो वर्षों से लगातार प्रभावित हो रहा है। खेती किसानी और बाड़ी पर हमारे राज्य के किसानों की आजीविका निर्भर है। ऐसे में मॉनसून की बेरुखी की वजह से कृषि की पैदावार प्रभावित हुई है। इसलिये किसानों को खेती के साथ साथ बाड़ी पर भी फोकस करने की जरूरत है। वह आज कांके स्थित क्षेत्रीय निदेशक कार्यालय परिसर में मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजनान्तर्गत पशु पक्षी मेल सह प्रदर्शनी का उद्धाटन कार्यक्रम में बोल रहे थे।
श्री बादल ने कहा कि हमें वैकल्पिक उपाय तलाशने होंगे इसके लिये पशुधन से बेहतर विकल्प और कोई नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी आमदनी बढ़ानी है और अपने सपने को साकार करना है तो आपको पशुओं की देखभाल, उनसे होने वाली आमदनी और उनके पोषण के बारे में पूरी जानकारी लेनी होगी, मतलब साफ है कि आपको उस क्षेत्र में प्रशिक्षित भी होना होगा। अगर एक किसान प्रशिक्षित होता है तो वह किसान अपने गांव और क्षेत्र में 50 किसानों केा व्यवहारिक तौर पर शिक्षित कर सकता है। विभाग ने कई स्तर पर प्रयास किये हैं और इसके सकारात्मक नतीजे भी सामने आये हैं। हमने जीर्ण – शीर्ण पशुधन केन्द्रों को पुनर्जीवित करने का काम किया है और आज इसकी शुरूआत हो चुकी है।
कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के दिशा निर्देश में विभाग बेहतर काम कर रहा है। उनकी सोच है कि राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जाय और उसके लिये विभाग के सभी पदाधिकारी इस काम में लगे हुए हैं।
कृषि मंत्री श्री बादल ने कहा कि जल्द ही विभाग पशुधन के स्वास्थ्य की देखभाल के लिये मोबाइल वेटनरी एम्बूलेंस सेवा की शुरूआत करने जा रहा है। उस एंबुलेंस में डॉक्टर, कंपाउंडर, दवा, जांच और सर्जरी की व्यवस्था होगी। इस हेतु टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। इस योजना के तहत हर एम्बूलेंस में तीन विशेषज्ञों की टीम हमेशा मौजूद रहेगी जो पशुपालकों के घर पर जाकर पशुओं का इलाज करेगी। वहीं पशुधन बीमा का प्रस्ताव भी विभाग तैयार करने जा रहा है इसके लिये कई राज्यों के मॉडल का अवलोकन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हम जल्द ही राज्य में बेकन फैक्ट्री को फिर से शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने पदाधिकारियों के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पदाधिकारियों ने कड़ी मेहनत से विभिन्न योजनाओं को लागू करने में खास भूमिका निभाई है। उन्होंने पदाधिकारियों से कहा कि आप सब मिल कर प्रत्येक प्रखंड में 100-100 लोगों को सशक्त बनाने का प्रयास करें तो बेहतर काम हो सकता है। विभाग की ओर से किसानों को सशक्त बनाने के लिये दूध पर 3 रुपये प्रति किलो की दर से अतिरिक्त सब्सिडी दी जा रही है। इससे कई महिलाओं के खाते में बड़ी रकम दुर्गापूजा के दौरान विभाग के द्वारा भेजी गई है। वहीं सरकार पशु शेड निर्माण और गो पालन हेतु 75 और 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराने जा रही है। राज्य की जीडीपी में कृषि का योगदान 20 प्रतिशत हो इसके लिये हम प्रयासरत हैं। वीडियो के माध्यम से भी श्री बादल ने खूंटी और रामगढ़ में लाभुकों के बीच पशु का वितरण किया। उन्होंने कहा की पशुपालकों को उनकी पसंद के मुताबिक पशु दिए जाएं।
पशुधन योजना के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था हो रही सशक्तः राजीव रंजन
राज्य गो सेवा आयोग के अध्यक्ष श्री राजीव रंजन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में बंद और सुस्त पड़े फॉर्म को जीवित करने का प्रयास इस बात की गवाही है कि विभाग अपने दायित्व को पूरी निष्ठा के साथ निभा रहा है। योजनाओं के कार्यान्वयन के लिये आंवटित राशि का निर्धारित मद में कुशलता के साथ व्यय हो, तो कई स्तर पर बदलाव किये जा सकते हैं और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने में खास भूमिका निभाई जा सकती है।
जानकार होने के बाद किसान बेहतर पशुपालक बन सकते हैंः आदित्य रंजन
पशुपालन निदेशक श्री आदित्य रंजन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि विभाग का उद्देश्य ट्रेनिंग की गुणवत्ता में सुधार लाना है। हम हर साल 9000 पशुपालकों को प्रशिक्षित करते हैं और फार्म का यही उद्देश्य है कि राज्य का हर किसान पशुधन के पोषण, रखरखाव और उसका उपयोग आर्थिक समृद्धि के तौर पर कर सकें। उन्होंने कहा कि फार्म में सुधार के कई अप्रत्यक्ष परिणाम सामने आते हैं जो दिखाई नहीं देते लेकिन आपके जीवन को बदलने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका होती है और फॉर्म के जिर्णोद्धार का उद्देश्य भी ये ही है। बीते चार महीने में कई स्तर पर बदलाव हुए हैं।
कार्यक्रम में गाय, बैल और बत्तख का वितरण कृृषि मंत्री श्री बादल द्वारा किया गया। इस दौरान कृषि मंत्री ने सूकर सूकर प्रजनन प्रक्षेत्र का भी भ्रमण किया और पौधारोपण भी किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से विशेष सचिव श्री प्रदीप हजारे, क्षेत्रीय निदेशक पशुपालन श्री बिपीन खलखो, रांची वेटनरी कॉलेज के डीन डॉक्टर सुशील प्रसाद सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।