पतंजलि आईएएस एकेडमी की 17वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनाई गई, डॉ. महुआ मांझी और बाबूलाल मरांडी ने की संस्थान की सराहना

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Eksandeshlive Desk

लालपुर (रांची) : हरिओम टावर स्थित पतंजलि आईएएस एकेडमी की 17वीं वर्षगांठ शुक्रवार 18 जुलाई को पीआरसीसीएस कैंपस में आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सदस्य डॉ. महुआ मांझी और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी शामिल हुए। संस्थान के निदेशक डॉ. संजय कुमार तिवारी ने बताया कि 2008 में स्थापित यह संस्था विगत 17 वर्षों में 2.5 लाख से अधिक विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान किया तथा यहां से 30,000 से अधिक विद्यार्थी प्रतियोगिता परीक्षा में सफलता प्राप्त कर कीर्तिमान स्थापित कर चुके हैं। साथ ही वर्तमान में 25,000 से अधिक विद्यार्थी सिविल सेवा, माध्यमिक आचार्य, सीटेट, जेटेट एवं झारखंड दरोगा जैसे बैच में अध्ययनरत हैं।

इस मौके पर डॉ. महुआ मांझी ने पतंजलि आईएएस एकेडमी के नए आवासीय ब्रांच पीआरसीसीएस की सराहना करते हुए कहा कि यह संस्थान आने वाले दिनों में झारखंड के लिए सिविल सेवा में गौरव का केंद्र होगी। यहां से सफल होकर विद्यार्थी झारखंड का नाम रोशन करेंगे तथा भविष्य में आईएएस और आईपीएस अधिकारी बनेंगे। संस्थान की पहल है कि एक छत के नीचे बच्चों को रहने, खाने, स्नातक करने तथा सिविल सेवा की तैयारी करने के लिए सुविधा प्रदान की जाएगी, जो निस्संदेह सराहनीय है। यह संस्थान एक ऐसे वातावरण का निर्माण करती है, जिसमें सफलता आसानी पूर्वक प्राप्त की जा सके। मुझे जानकर हर्ष हुआ कि संस्था ने झारखंड के युवाओं को नौकरी प्रदान करने की राह आसान की है तथा संस्थान से जुड़े विद्यार्थी झारखंड के कई विद्यालयों एवं जिला मुख्यालयों एवं प्रखंडों में विभिन्न अधिकारिक पदों पर पदस्थापित हैं।

वहीं बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पतंजलि आईएएस एकेडमी झारखंड के युवाओं के लिए एक प्रकाश स्तंभ है, जहां से कोई विद्यार्थी अपने सपनों को पूरा करता है। नौकरी पाना प्रत्येक विद्यार्थी का लक्ष्य होता है और यहां आकर कोई छात्र अपना लक्ष्य प्राप्त कर सकता है। मरांडी ने कहा कि पीआरसीसीएस के निदेशक डॉ. संजय कुमार तिवारी ने जो सपना देखा है कि 12वीं पास विद्यार्थियों को 4 वर्ष तक अपने आवासीय केंद्र में रखते हुए स्नातक के साथ बच्चे सिविल सेवा की तैयारी करेंगे तो 2028 तक झारखंड के बच्चे यूपीएससी परीक्षा में परचम लहराएंगे। यह सपना उनका अवश्य पूर्ण होगा। यह संस्थान एक मिशाल बनेगी और झारखंड को गौरव की अनुभूति कराएगी। उन्होंने कहा कि पीआरसीसीएस एक आधुनिक गुरुकुल के जैसा है, जहां बच्चे और शिक्षक एक साथ रहकर अपने पठन-पाठन का कार्य करते हैं। इस अवसर पर संस्थान के सभी शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। इस अवसर पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी धूमधाम से आयोजन किया गया। धन्यवाद ज्ञापन पीआरसीसीएस को प्राचार्या चंचला तिवारी ने की।