राहुल गांधी का बड़ा आरोप, स्वतंत्र संस्था होने के बावजूद अपनी भूमिका से भटक गया चुनाव आयोग

NATIONAL

Eksandeshlive Desk

नई दिल्ली/बेंगलुरु : कांग्रेस सांसद सह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कथित वोट चोरी के मुद्दे पर कहा कि संविधान बचाना उनकी (नेता प्रतिपक्ष) जिम्मेदारी नहीं है, यह देश के संस्थानों का काम है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग खुद एक संस्थान है लेकिन वह वोट चोरी में मदद कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि अब देश के लोग इस चोरी के खिलाफ उनके साथ आ रहे हैं। कांग्रेस पार्टी के नए मुख्यालय में उन्होंने एक महीने में दूसरी बार (पहले 7 अगस्त को) गुरुवार को कथित वोट चोरी के मुद्दे पर संवाददाता सम्मेलन करते हुए कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6,018 मतदाताओं के नाम हटाए जाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि ये सारे नाम उन जगहों पर हटाए गए जहां 10 में से 8 मतदान केंद्रों पर कांग्रेस पार्टी ने एकतरफा जीत दर्ज की थी। राहुल ने इस घटना को सुनियोजित साजिश करार देते हुए कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है। वहीं चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पत्रकार वार्ता में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर लगाए गए आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया है।

अब देश की जनता उनके साथ इस अन्याय के खिलाफ खड़ी हो रही : राहुल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग स्वयं इस कथित वोट चोरी में संलिप्त है, जो एक स्वतंत्र संस्था होने के बावजूद अपनी भूमिका से भटक गया है। अब देश की जनता उनके साथ इस अन्याय के खिलाफ खड़ी हो रही है और चुनाव आयोग के लोग उन्हें गोपनीय जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने कर्नाटक के दो मतदाता, बबिता और सूर्यकांत को मंच पर बुलाया। राहुल ने कहा कि बबिता का वोट काटा गया, जिसके लिए सूर्यकांत का नाम दुरुपयोग हुआ। हालांकि सूर्यकांत से इसके बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसके बारे में कुछ पता ही नहीं। वह इससे अनजान थे। दोनों ने मंच पर खड़े होकर राहुल गांधी की बात पर सहमति जाहिर की। राहुल ने कहा कि आलंद में सूर्यकांत के नाम से महज 14 मिनट में 12 वोट हटाए गए। इसी तरह, नागराज नाम के व्यक्ति ने सुबह 4 बजे सिर्फ 36 सेकंड में दो वोट हटाए, जबकि गोदाबाई के नाम पर 12 वोट हटाए गए। राहुल ने इसे सॉफ्टवेयर आधारित सुनियोजित कार्रवाई करार दिया, जिसमें कर्नाटक से बाहर के मोबाइल नंबरों का इस्तेमाल हुआ। उन्होंने कहा कि वोटर सूची में पहले नंबर पर आने वाले व्यक्ति के नाम से यह प्रक्रिया शुरू की जाती है, जो एक व्यवस्थित षड्यंत्र को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि कर्नाटक पुलिस की सीआईडी इस मामले की गहन जांच कर रही है, जिसमें तकनीकी अनियमितताएं सामने आई हैं। लेकिन, चुनाव आयोग ने सीआईडी के 18 बार अनुरोध के बावजूद आवश्यक डेटा उपलब्ध नहीं कराया है।

आने वाले दिनों में वोट चोरी के मुद्दे पर एक बड़ा खुलासा करेंगे : नेता प्रतिपक्ष ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर वोट चोरों को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में वे इस मुद्दे पर एक बड़ा खुलासा करेंगे, जिसे उन्होंने ‘वोट चोरी का हाइड्रोजन बम’ बताया। राहुल ने आलंद में 6,018 वोट हटाने के मामलों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह संख्या और बढ़ सकती है, क्योंकि यह सॉफ्टवेयर के जरिए की गई कार्रवाई का हिस्सा है। इसके अलावा, उन्होंने महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले के राजौरा विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण दिया, जहां 6,850 वोट जोड़े गए, जो इसी पैटर्न का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया कांग्रेस समर्थकों को निशाना बनाकर की गई, खासकर उन बूथों पर जहां पार्टी का वोट बैंक मजबूत था। यह केवल कर्नाटक तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के कई हिस्सों में ऐसी गड़बड़ियां हो रही हैं।

चुनाव आयोग का जवाब- वोट को ऑनलाइन नहीं हटाया जा सकता : चुनाव आयोग ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पत्रकार वार्ता में मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर लगाए गए आरोपों को गलत और बेबुनियाद बताया है। आयोग ने स्पष्ट किया कि बिना सुनवाई के और वह भी ऑनलाइन माध्यम से किसी का भी नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जा सकता। इस तरह का 2023 में प्रयास किया गया था जिस पर स्वयं आयोग ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। राहुल गांधी ने कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकार वार्ता में आरोप लगाया कि 6 हजार से अधिक लोगों के वोट कर्नाटक के एक विधानसभा क्षेत्र से हटाए गए। चुनाव आयोग ने इस पर कहा कि राहुल गांधी के आरोप गलत और निराधार हैं। कोई आम नागरिक किसी के भी वोट को ऑनलाइन नहीं हटा सकता। साथ ही प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिए बिना भी वोट को हटाया नहीं जा सकता। आयोग ने इस बात का उल्लेख किया है कि आलंद विधानसभा क्षेत्र से 2023 में कांग्रेस नेता बीआर पाटिल (कांग्रेस) ने जीत हासिल की थी। इससे पहले 2018 में वहां भाजपा के सुभाध गुट्टेदार जीते थे।

खरगे ने कहा-जानकारी छिपाकर किसे बचा रहा चुनाव आयोग : लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में 6,018 मतदाताओं के नाम हटाए जाने के आरोप का कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने समर्थन करते हुए चुनाव आयोग से तीन सवाल पूछे। मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि आलंद विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची से नाम हटाने की जांच कर रही सीआईडी टीम ने पिछले 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र लिखे हैं। लेकिन, चुनाव आयोग दोषियों का पता लगाने के लिए जरूरी जानकारी छिपा रहा है। उन्होने राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन करते हुए कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने इस घटना का पर्दाफाश कर दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में सीआईडी से जानकारी छिपाकर आयोग किसे बचा रहा है?

कर्नाटक के मुख्यमंत्री बोले-वोट काटने के मामले में सीआईडी को जानकारी नहीं दे रहा चुनाव आयोग : मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि कर्नाटक के कलबुर्गी ज़िले के अलंद निर्वाचन क्षेत्र में फ़ॉर्म 7 के तहत मतदाताओं के नाम हटाने के लिए चुनाव आयोग को कुल 6,018 आवेदन प्रस्तुत हुए थे। जांच से पता चला है कि केवल 24 आवेदन ही असली थे और शेष 5,994 आवेदन फ़र्ज़ी थे। उन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा करते हुए बताया कि मतदाता जानकारी चुराई गई है, फर्जी लॉगिन और राज्य से बाहर के मोबाइल नंबरों के ज़रिए बेनामी आवेदन जमा किए गए हैं। परिवार की जानकारी के बिना पूरे परिवार का नाम मतदाता सूची से हटाने के लिए आवेदन जमा किया गया था। उन्होंने बताया कि इस संबंध में शिकायत दर्ज कर ली गई है और सीआईडी ​​जांच कर रही है। सिद्धारमैया ने कहा कि एकमात्र सवाल यह है कि सीआईडी ​​के 18 लगातार अनुरोधों के बावजूद चुनाव आयोग ने डिजिटल साक्ष्य क्यों नहीं दिए हैं।

Spread the love