Eksandesh Desk
रांची: एससी, एसटी, ओबीसी और गरीब सवर्णों से गठित नेशनल फॉरम आॅफ विकर सेक्शन आफ द सोसायटी ने स्पष्ट रूप से कहा है कि राहुल गाँधी की विचारधारा समानता और न्याय से सहमत है। लेकिन झारखण्ड में हेमन्त सोरेन की सरकार से लोग क्षुब्ध है। झारखण्ड में इंडिया गठबंधन की सरकार है, तथा हेमन्त हमेशा मुलवासी और संविधान की बात करता है, लेकिन हेमन्त सोरेन की सरकार संविधान की घोर उपेक्षा कर रही है। पिछली सरकार द्वारा स्थापित झारखण्ड राज्य अनुसूचित जाति आयोग को हेमन्त सोरेन ने बंद कर दिया जिससे अनुसूचित जाति, अत्याचार अधिनियम के सैकड़ो मामले लंबित है। यहीं विदेश में जब उच्च शिक्षा के लिए आदिवासियों और दलितों के छात्रों को भेजने की बात होती है तो हेमंत सरकार दलितों को दरकिनार कर देता है। वहीं अनेक तरह के भर्तियों में दलितों के पद को शुन्य कर दिया है, जिससे दलितों के उम्मीदवारों में हेमन्त सोरेन के प्रति घोर उदासिनता व्याप्त है। इतना ही नहीं झारखण्ड के किसी भी संवैधानिक संस्थानओं में दलितों की भागीदारी एक सवाल बनकर रह गया है।
हेमन्त सोरेन जिस विधानसभा से उम्मीदवार होते हैं वहाँ पर खनिजों का उत्खनन कर माफिया लोग करोड़ो कमा रहे हैं। खुलेआम भ्रष्टाचार पफैला हुआ है लेकिन उसे रोकने के लिए सरकार बिल्कुल नदारद हैं यहीं राहुल गाँधी की विचारधारा जिसमें समानता, न्याय और मोहब्बत की बात करने वाले से झारखण्ड के तमाम समाज के पिछड़े वर्ग के लोग उनका साथ देने के लिए तैयार है, लेकिन हेमन्त सोरेन से लोगों में उदासीनता और शुब्ध हैं। आने वाले चुनाव में न्याय, समानता और भाईचारे को कायम रखने के लिए मत देने को तैयार हैं।