Eksandesh Desk
कोडरमा : कोडरमा स्थित राज इंटरनेशनल स्कूल में धूम धाम से राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया | विद्यालय में दो दिवसीय विज्ञान महोत्सव का आयोजन किया गया है | प्रोग्राम की शुरुआत देश के वैज्ञानिक सी वी रमन , डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पार्चन विद्यालय के प्राचार्य राहुल घोष और एके लाल सर के द्वारा करके किया गया|
इस अवसर पर विद्यालय के प्रिंसिपल राहुल घोष ने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा की बच्चों को बताया कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित व प्रेरित करना तथा जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। विज्ञान के बिना विकास की कल्पना भी हम नहीं कर सकते। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को मनाया जाता है। यह भारतीय विज्ञान और अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह दिन भारतीय वैज्ञानिक सर चंद्रशेखर वेंकटरमन की महान खोज, रमन प्रभाव, की याद में समर्पित है। इस दिन का मकसद विज्ञान के प्रति जागरूकता फैलाना और समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देना है। साल 1986 से, यह दिन पूरे भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस साल भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने नेशनल साइंस डे 2025 का थीम ” विकसित भारत के लिए विज्ञान और नवाचार में वैश्विक नेतृत्व के लिए भारतीय युवाओं को सशक्त बनाना ।” रखी है। डॉ. सीवी रमन का साइंस के क्षेत्र में योगदान आज भी याद किया जाता है। एक छोटे से गांव से नोबेल पुरस्कार और भारत रत्न तक का उनका सफर प्रेरणादायक है। प्रकाश के फैलाव से लेकर एक्स-रे और समुद्र के रंगों तक, रमन ने भारत को साइंस एंड टेक्नोलॉजी में अग्रणी बनने के सपने को साकार करने में अहम भूमिका निभाई।
इसके बाद विद्यालय के विज्ञान शिक्षक श्री एमडी इकबाल ने विज्ञान दिवस के महत्व को बताते हुए बताया कि सर सीवी रमन का जन्मदिन 7 नवंबर को मनाते है। ऐसे में सवाल ये उठता है कि आखिर 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस क्यों मनाया जाता है। इस बारे में कहा जाता है कि 28 फरवरी 1928 को चंद्रशेखर वेंकट (सीवी) रमन ने ‘रमन प्रभाव’ की खोज की घोषणा की थी। इसके लिए उन्हें 1930 में नोबेल पुरस्कार मिला। साल 1986 में, नेशनल काउंसिल फॉर साइंस एंड टेक्नोलॉजी कम्युनिकेशन (NCSTC) ने केंद्र सरकार से 28 फरवरी को नेशनल साइंस डे के रूप में मनाने की सिफारिश की थी। इसके बाद पहली बार यह दिन 28 फरवरी 1987 को मनाया गया था। इसके बाद विद्यालय में भाषण प्रतियोगिता का आयोजन, जिसमें विज्ञान के गुण के बारे में बताया | विज्ञान महोत्सव के दूसरे दिन विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है कार्यक्रम में विद्यालय के शिक्षक एवं कर्मचारी उपस्थित रहें|