Ashutosh Jha
काठमांडू : राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) के एक कार्यकर्ता को राजशाही आंदोलन के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने धनगढ़ी नगर पालिका-14 के नेत्र बहादुर खड़का को गिरफ्तार कर लिया है और फिलहाल उसे भद्रकाली ले जा रही है। काठमांडू जिला पुलिस परिसर के सूचना अधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक एपिल राज बोहरा ने बताया कि आगे विवाद को रोकने के लिए उन्हें तुरंत हिरासत में ले लिया गया।
नारायणहिती परिसर को प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद, राजभक्त शांति भट्टिका में एकत्र हुए और बलुवाटार स्थित प्रधानमंत्री के आवास की ओर घेराव करने के इरादे से बढ़े। राजशाही की बहाली और हिंदू राष्ट्र की मांग को लेकर आरपीपी और राजशाही समूहों सहित पार्टियों द्वारा काठमांडू में 15 गते को शुरू हुआ अनिश्चितकालीन विरोध प्रदर्शन जारी है। तदनुसार, उन्होंने घोषणा की कि वे शनिवार को दरबार मार्ग क्षेत्र में प्रदर्शन करेंगे। हालांकि, काठमांडू के जिला प्रशासन कार्यालय द्वारा नारायणहिती दरबार संग्रहालय क्षेत्र को शनिवार से 24 जून तक प्रतिबंधित क्षेत्र घोषित करने के बाद उन्होंने कार्यक्रम स्थल बदल दिया। नवराज सुबेदी के नेतृत्व में संयुक्त जन आंदोलन लामबंदी समिति इस आंदोलन का नेतृत्व कर रही है। समन्वयक सुबेदी ने कहा है कि सार्वजनिक प्रदर्शन जारी रहेगा। सुबेदी ने कहा, “एक राजशाही वाला हिंदू राष्ट्र स्थापित किया जाएगा।” “जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, यह संघर्ष अनवरत जारी रहेगा।”
पत्रकार सुरेश रजक और कीर्तिपुर-4 के 29 वर्षीय सबिन महारजन की उस समय मौत हो गई जब 15 चैत्र को राजभक्तों का विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। गोलीबारी में बीस लोग घायल हो गए। तीन घायलों का अभी भी इलाज चल रहा है। घटना के सिलसिले में आरपीपी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रवींद्र मिश्रा, महासचिव एवं सांसद धवल शमशेर जबड़ा और दुर्गा प्रसाद प्रसाई समेत 65 लोगों के खिलाफ अदालत में मामला दर्ज किया गया है। इनमें से 4 बच्चों के खिलाफ किशोर न्यायालय में मामला दर्ज किया गया है। जिला न्यायालय में दर्ज मामलों में से 11 आपराधिक उपद्रव के तहत तथा अन्य व्यक्तिगत मामलों के तहत दर्ज किये गये हैं। उनके बयानों पर अदालत में सुनवाई हो रही है।