Eksandeshlive Desk
दौसा : राजस्थान के दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में बोरवेल में गिरे पांच वर्षीय आर्यन को बचाने का ऑपरेशन 44 घंटे बाद भी जारी है। एनडीआरएफ टीम बोरवेल से करीब 10 फीट की दूरी पर 155 फीट गहरे गड्ढे की खुदाई कर रही है। इस काम के लिए सवाईमाधोपुर से मंगाई गई पाइलिंग मशीन का इस्तेमाल हो रहा है। गड्ढे की खुदाई पूरी होने के बाद ‘रैट-होल माइनिंग’ तकनीक से सुरंग बनाकर बच्चे तक पहुंचने की योजना है।
खेलते-खेलते बोरवेल में गिर गया बच्चा
आर्यन के पिता जगदीश मीणा ने कहा कि वे बाजार गए थे। आर्यन मां के पास था। खेलते-खेलते वह बोरवेल में गिर गया। प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। वे उनकी कोशिशों से संतुष्ट हैं। बस भगवान से प्रार्थना है कि उनका बच्चा सुरक्षित बाहर आ जाए। आर्यन की मां गुड्डी देवी ने कहा कि तीन दिन से उनका बच्चा बोरवेल में है। विधायक डीसी बैरवा भी मिलने नहीं आए। मुझे मेरा बच्चा चाहिए। आर्यन के सकुशल बाहर निकलने के लिए गांव के लोग भी प्रार्थना कर रहे हैं। हर तरफ बच्चे की सुरक्षा और जल्द रेस्क्यू की अपील हो रही है। प्रशासन और बचाव टीम के प्रयासों पर पूरे राज्य की नजर है।
रेस्क्यू ऑपरेशन में 6 प्रयास हुए विफल
सोमवार दोपहर से शुरू हुए इस ऑपरेशन में अब तक 6 बार जुगाड़ तकनीकों से बच्चे को बचाने की कोशिश की गई लेकिन सफलता नहीं मिली। एनडीआरएफ के कमांडेंट योगेश कुमार ने बताया कि अब तक 110 फीट खुदाई हो चुकी है और 155 फीट तक खुदाई पूरी होने के बाद पाइप डालकर बच्चे को निकालने की योजना है।
जानिए क्या है रैट-होल माइनिंग
रैट-होल माइनिंग एक अवैध खनन तकनीक है, जिसमें संकरी और गहरी सुरंगों के जरिये खनिज पदार्थ निकाले जाते हैं। इसमें सुरक्षा उपकरणों की कमी और भूस्खलन का खतरा होता है। इस तकनीक का उपयोग आमतौर पर कोयला खनन में किया जाता है लेकिन इसकी खतरनाक प्रकृति के कारण इसे सरकार ने बैन कर रखा है।