Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : राज्यसभा में शुक्रवार को नया विवाद देखने को मिला। उच्च सदन में बेंच नंबर 222 के नीचे से नोट की गड्डी मिलने का मामला सामने आया है। यह सीट कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी की है। सभापति जगदीप धनखड़ ने इस मसले को बेहद गंभीर बताया है। इस मामले में उच्च सदन में भाजपा नेता जेपी नड्डा ने इसे असामान्य घटनाक्रम बताते हुए कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने इस घटनाक्रम को लेकर विपक्ष के रवैए पर भी सवाल उठाया। जिसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। सदन में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सभापति को इस मामले की जांच करनी चाहिए। उनके आश्वासन के बाद सदन में शून्यकाल शुरू हुआ।
पूरे मामले की जांच की जा रही है : धनखड़
सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि सदन में कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के पास 500 के नोटों की गड्डी बरामद हुई है। पूरे मामले की जांच की जा रही है। सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन को बताया कि कांग्रेस सांसद अभिषेक मनु सिंघवी की सीट के पास से नोटों की गड्डी बरामद हुई। कल सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सदन की नियमित जांच के दौरान सुरक्षा अधिकारियों ने सीट संख्या 222 से नोटों की एक गड्डी बरामद की। यह सीट वर्तमान में 2024-26 के कार्यकाल के लिए तेलंगाना राज्य से निर्वाचित अभिषेक मनु सिंघवी को आवंटित है। उनकी संज्ञान में मामला लाए जाने पर प्रथा और नियम के अनुसार यह सुनिश्चित करना उचित है कि कानून के अनुसार जांच हो और यह प्रक्रिया चल रही है।
बेशक इस बात की जांच होनी चाहिए : सिंघवी
कांग्रेस सांसद और अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस संबंध में कहा कि वह इस बारे में सुनकर हैरान हैं। उन्होंने कहा कि वह कल दोपहर 12.57 बजे सदन के अंदर पहुंचे। सदन दोपहर 1 बजे उठा। दोपहर 1 से 1:30 बजे तक वह अयोध्या प्रसाद के साथ कैंटीन में बैठे और खाना खाया। दोपहर 1:30 बजे वह संसद से चले गए। उन्होंने कहा, “कल मैं सदन में कुल 3 मिनट और कैंटीन में 30 मिनट रहा। मुझे यह अजीब लगता है कि ऐसे मुद्दों पर भी राजनीति की जाती है। बेशक इस बात की जांच होनी चाहिए कि लोग कैसे कहीं भी और किसी भी सीट पर कुछ भी रख सकते हैं। इसका मतलब है कि हममें से हर किसी के पास एक सीट होनी चाहिए, जहां सीट को खुद ही लॉक किया जा सके और चाबी सांसद अपने साथ ले जा सकें क्योंकि फिर हर कोई सीट पर बैठकर कुछ भी कर सकता है और इस बारे में आरोप लगा सकता है। अगर यह दुखद और गंभीर नहीं होता तो यह हास्यास्पद होता। मुझे लगता है कि सभी को इस मामले की तह तक पहुंचने में सहयोग करना चाहिए और अगर सुरक्षा एजेंसियों में कोई कमी है तो उसे भी पूरी तरह से उजागर किया जाना चाहिए।”