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रांची: रांची विश्वविद्यालय में परीक्षाओं के संचालन की जिम्मेदारी एक विवादित निजी एजेंसी एनसीसीएफ को सौंपे जाने के विरोध में अबुआ अधिकार मंच झारखंड ने विश्वविद्यालय के कुलपति महोदय को एक ज्ञापन सौंपते हुए तत्काल इस एजेंसी को हटाने की मांग की है। मंच के संयोजक अभिषेक शुक्ला के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि विश्वविद्यालय का ऐतिहासिक रूप से कुशल परीक्षा विभाग दिसंबर 2022 में एनसीसीएफ नामक निजी एजेंसी को सौंप दिया गया, जो स्वयं कई घोटालों और विवादों में घिरी रही है। यहाँ तक कि एजेंसी से जुड़े एक अधिकारी को पूर्व में जेपीएससी घोटाले के कारण जेल भी जाना पड़ा था। ज्ञापन में कहा गया है कि परीक्षा संचालन एनसीसीएफ को सौंपे जाने के बाद परीक्षा शुल्क 400 से बढ़ाकर 650 कर दिया गया, जबकि पहले विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग सालाना दो करोड़ रुपये का अधिशेष देता था। अब स्थिति यह है कि 12 से 15 करोड़ रुपये वार्षिक परीक्षा संचालन पर खर्च हो रहे हैं। यही एजेंसी अन्य विश्वविद्यालयों में 180 से 218 प्रति छात्र के दर से सेवाएं दे रही है, जबकि रांची विश्वविद्यालय में ?315 लिए जा रहे हैं। इन घटनाओं को छात्रों के शैक्षणिक भविष्य के साथ गंभीर खिलवाड़ और आर्थिक शोषण करार देते हुए अबुआ अधिकार मंच ने चेतावनी दी है कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन एनसीसीएफ को हटाकर पुन: पूर्ववर्ती परीक्षा विभाग को बहाल नहीं करता है, तो मंच चरणबद्ध जनांदोलन को बाध्य होगा। मौके पर मौजूद कुलपति महोफ्लदय ने प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों को आश्वस्त किया की जल्द ही इस मामले पर विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा सकारात्मक कार्रवाई की जाएगी।
