Eksandesh Desk
रांची: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने गुरुवार व शुक्रवार को स्टेशन रोड स्थित होटल बीएनआर चाणक्य में कुल 18 मामलों की सुनवाई की। सुनवाई के दौरान 06 मामले निष्पादित भी किए गए। इनमें से कुछ मामले सीसीएल, ईसीएल में आश्रितों की नौकरी, एमएसीपी लाभ आदि से संबंधित थे, जबकि शेष मामले जिला वन प्रमंडल में कार्यरत कर्मियों के साथ संबंधित अधिकारियों द्वारा किए गए दुर्व्यवहार व प्रताड़ना से संबंधित मामले थे। दो मामले झारखंड पुलिस विभाग में एसटी वर्ग के कर्मचारियों को प्रोन्नति नहीं दिए जाने से संबंधित थे। एक मामला झारखंड लोक सेवा आयोग से संबंधित था, जिसमें एसटी वर्ग के अभ्यर्थी को लिखित व इंटरव्यू क्वालीफाई करने के बावजूद नियुक्ति पत्र प्रदान नहीं किया गया था। सुनवाई के दौरान पीड़ितों ने खुलकर आयोग की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा व अधिकारियों के समक्ष अपनी पीड़ा व्यक्त की। बचाव में संबंधित विभागों से आए अधिकारियों ने भी अपनी-अपनी दलील दी। संबंधित विभागीय अधिकारियों की दलील से संतुष्ट नहीं होने पर आयोग की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने उन्हें न सिर्फ फटकार लगाई, बल्कि जल्द से जल्द संबंधित मामलों पर उचित निर्णय लेकर आयोग को सूचित करने का निर्देश दिया गया। साथ ही आयोग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन मामलों में संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी नोटिस दिए जाने के बाद भी आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुए, उन्हें समन जारी कर नई दिल्ली स्थित आयोग के कार्यालय में हाजिर होने का आदेश दें। अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग के साथ अन्याय व दुर्व्यवहार करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। पीड़ितों को हर हाल में न्याय व उनका अधिकार दिलाने का काम किया जाएगा।