राष्ट्रीय बैठक में झारखंड के मसाला शोध कार्यों का प्रस्तुतीकरण

Ek Sandesh Live


sunil verma
रांची: भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा संचालित मसाला फसल संबंधी अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना की वार्षिक बैठक बागलकोट (कर्नाटक) स्थित बागवानी विज्ञान विश्वविद्यालय में 29 अक्टूबर से 1 नवंबर तक हुई। बैठक बिरसा कृषि विश्वविद्यालय से मसालों पर अनुसंधान कर रहे बागवानी विभाग के वैज्ञानिक डॉ अरुण कुमार तिवारी शामिल हुए और बताया कि की झारखंड में हल्दी एवं अदरक की खेती पर चल रहे अनुसंधान के उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं। झारखंड की जलवायु एवं मिट्टी इन दो फसलों के साथ-साथ धनिया, आजवाइन, मेथी सौंफ आदि के लिए भी काफी उपयुक्त है। छोटे और मझोले किसान इसकी खेती कर अपनी आमदनी आसानी से दोगुनी कर सकते हैं। मसाला फसल स्वास्थ्यवर्धक होने के साथ-साथ आयुर्वेद दवाओं के निर्माण में भी काम आते हैं। उन्होंने मसाला फसलों पर बीएयू में चल रहे 7 विभिन्न प्रयोगों पर विस्तार से प्रस्तुतिकरण दिया जिसकी काफी सराहना की गई। बैठक में भारतीय मसाला अनुसंधान केंद्र,कोजिकोड (केरल) के निदेशक डॉ आर दिनेश, परियोजना समन्वयक डॉ डी प्रसाद, आईसीएआर के सहायक महानिदेशक डॉ सुधाकर पांडेय सहित विभिन्न राज्यों से आए हुए 70 से अधिक वैज्ञानिकों ने भाग लिया। डॉ तिवारी ने बताया कि भारत सरकार ने मसाला निर्यात हेतु अपने लक्ष्य को दुगना किया है जिसमें कंद एवं बीज मसाला फसलें भी शामिल हैं। औद्योगिक फसलों के कुल निर्यात का लगभग 40% हिस्सा मसाला फसलों का है।