Eksandeshlive Desk
देहरादून : 38वें राष्ट्रीय खेल उत्तराखंड में ताइक्वांडो प्रतिस्पर्धा में अनियमितताओं की शिकायतों के बाद बड़ा फैसला लिया गया है। गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी (जीटीसीसी) ने मनीपुलेशन ऑफ कंपटीशन कमेटी (पीएमसी) की सिफारिशों के आधार पर टी. प्रवीण कुमार को हटाकर एस. दिनेश कुमार को नया प्रतियोगिता निदेशक नियुक्त किया है। जीटीसीसी अध्यक्ष सुनैना कुमारी ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा कि तीन सदस्यीय पीएमसी पैनल की सिफारिशों को स्वीकार करना खेल की अखंडता बनाए रखने के लिए आवश्यक था।
मैच फिक्सिंग के आरोप और हेरफेर की शिकायतें
पीएमसी समिति ने अपनी जांच में पाया कि पूर्व प्रतियोगिता निदेशक ने कुछ राज्य संघों के पदाधिकारियों और कार्यकारी समिति के सदस्यों के साथ मिलकर चयन प्रक्रिया में हेरफेर किया था। इसके अलावा, उन्होंने एक उपकरण विक्रेता को खेल विशिष्ट स्वयंसेवकों के रूप में नामित किया था, जिससे खेल की निष्पक्षता पर सवाल उठे। भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) की अध्यक्ष डॉ. पी.टी. उषा ने जीटीसीसी के इस फैसले का समर्थन किया। उन्होंने कहा, “यह चौंकाने वाला है कि राष्ट्रीय खेलों के पदक कथित तौर पर प्रतिस्पर्धा शुरू होने से पहले ही तय कर दिए गए थे। हम एथलीटों के साथ निष्पक्षता बरतने और खेल की छवि खराब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
पीएमसी समिति ने चार अहम सिफारिशें कीं
प्रतिस्पर्धा निदेशक को बदला जाए। आईओए और जीटीसीसी के परामर्श से एक नया निदेशक नियुक्त किया जाए। तकनीकी अधिकारियों की समीक्षा। नामांकित अधिकारियों में से कम से कम 50% को अंतरराष्ट्रीय या राष्ट्रीय प्रमाणन प्राप्त योग्य अधिकारियों से बदला जाए। वीडियो रिकॉर्डिंग अनिवार्य। पूरी प्रतियोगिता की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाए और संदिग्ध मामलों में फुटेज संरक्षित किया जाए। निगरानी समिति की तैनाती। प्रतियोगिता के दौरान जीटीसीसी द्वारा नामित अधिकारियों की एक टीम स्थल पर मौजूद रहे ताकि हेरफेर की संभावना को रोका जा सके। पीएमसी ने पाया कि भारतीय ताइक्वांडो महासंघ द्वारा नियुक्त कुछ अधिकारियों ने पहले ही 16 में से 10 भार वर्गों के विजेताओं के नाम तय कर दिए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्वर्ण पदक के लिए 3 लाख रुपये, रजत के लिए 2 लाख रुपये, और कांस्य पदक के लिए 1 लाख रुपये की मांग की गई थी।
ताइक्वांडो की 16 क्योरुगी और 10 पूमसे प्रतियोगिताएं 4 से 8 फरवरी तक हल्द्वानी के मिलम हॉल में आयोजित की जाएंगी। इस बार कड़े नियमों और निगरानी के बीच मुकाबले होंगे ताकि खेल की निष्पक्षता बनी रहे और खिलाड़ियों को सही अवसर मिल सके।