Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : राष्ट्रपति भवन ने शुक्रवार को बजट सत्र में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के अभिभाषण पर कांग्रेस नेताओं द्वारा की गई हालिया टिप्पणियों की निंदा की है। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी की ‘बेचारी बहुत थकी हुई लग रही थीं’ टिप्पणी का जिक्र करते हुए राष्ट्रपति भवन ने कहा कि टिप्पणियां उच्च पद की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं। राष्ट्रपति भवन ने एक बयान जारी कर कहा कि संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर मीडिया के समक्ष अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पार्टी के कुछ प्रमुख नेताओं ने ऐसी टिप्पणियां की हैं, जो स्पष्ट रूप से उच्च पद की गरिमा को ठेस पहुंचाती हैं और इसलिए अस्वीकार्य हैं। इन नेताओं ने कहा है कि राष्ट्रपति भाषण के अंत में बहुत थक गई थीं और वे मुश्किल से बोल पा रही थीं।
बयान में आगे स्पष्ट किया गया कि राष्ट्रपति अपने भाषण के दौरान किसी भी समय थकी हुई नहीं दिखीं और उन्होंने हाशिए पर पड़े समुदायों, महिलाओं और किसानों के लिए वकालत करने की अपनी प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। राष्ट्रपति भवन यह स्पष्ट करना चाहता है कि सच्चाई से इससे ज्यादा दूर कुछ नहीं हो सकता। राष्ट्रपति किसी भी समय थकी हुई नहीं थीं। दरअसल, उनका मानना है कि हाशिए पर पड़े समुदायों, महिलाओं और किसानों के लिए बोलना, जैसा कि वह अपने संबोधन के दौरान कर रही थीं, कभी भी थकाऊ नहीं हो सकता। राष्ट्रपति कार्यालय का मानना है कि ऐसा हो सकता है कि इन नेताओं ने हिंदी जैसी भारतीय भाषाओं के मुहावरे और विमर्श को ठीक से नहीं समझा हो और इस तरह गलत धारणा बना ली हो। किसी भी मामले में ऐसी टिप्पणियां खराब, दुर्भाग्यपूर्ण और पूरी तरह से टालने योग्य हैं।
मुर्मु को ‘पुअर लेडी’ कहने पर गुस्से में भाजपा, कहा- सोनिया माफी मांगें
वहीं भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि सोनिया गांधी इस टिप्पणी के लिए आदिवासी समुदायों से माफी मांगें। उन्होंने एक्स पर अपने संदेश में कहा कि भाजपा का हर एक कार्यकर्ता राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के लिए सोनिया गांधी द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द “बेचारी” (पुअर) की कड़ी निंदा करता है। ऐसे शब्दों का जानबूझकर इस्तेमाल कांग्रेस पार्टी की अभिजात्य मानसिकता, गरीब विरोधी और आदिवासी विरोधी सोच को दर्शाता है। कांग्रेस पार्टी को राष्ट्रपति और देश के आदिवासी समुदायों से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए। जेपी नड्डा ने सोशल मीडिया पर दिए गए अपने बयान में कहा कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा राष्ट्रपति को संदर्भित करने के लिए पुअर लेडी वाक्यांश का उपयोग बेहद अपमानजनक है और सर्वोच्च संवैधानिक कार्यालय की गरिमा के लिए विपक्ष की निरंतर उपेक्षा को रेखांकित करता है। दुर्भाग्य से, यह कोई अकेली घटना नहीं है। जब राष्ट्रपति सरकार की उपलब्धियों पर प्रकाश डाल रही थीं, तो अपनी सामंती मानसिकता से प्रेरित विपक्ष ने पिछड़े वर्गों और महिलाओं के सशक्तिकरण का मजाक उड़ाने का फैसला किया, जो कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में लाया गया परिवर्तन था।