अल्पसंख्यक आयोग उपाध्यक्ष शमशेर आलम की पहल पर मिला कृत्रिम पैर, व्हील चेयर और बैशाखी
SUNIL KUMAR
साहिबगंज: शहर के रसूलपुर दहला निवासी जमुना दास का जीवन पिछले दो वर्षों से अपने बेटे की पीड़ा के साथ गुजर रहा था। 03 अप्रैल 2023 का दिन उनके लिए किसी भयावह सपने से कम नहीं था। जब उनके पुत्र विकास कुमार दास मालदा रेल मंडल अंतर्गत बरहरवा रेलवे स्टेशन पर रेल ट्रैक की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हादसे में विकास के दोनों पैर कट गए थे। स्थानीय लोगों की मदद से उसे तत्काल इलाज तो मिला, लेकिन आगे की जिंदगी उसके लिए संघर्षमयी बन गई। पिता जमुना दास ने पिछले दो वर्षों में अपने पुत्र के कृत्रिम पैर और उपचार के लिए कई संस्थाओं और दफ्तरों के चक्कर लगाए, लेकिन हर जगह उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला थक-हार कर जब उम्मीदें लगभग टूट चुकी थीं, तभी उन्हें सूचना मिली कि साहिबगंज जिला मुख्यालय स्थित परी सदन में कांग्रेस के बड़े नेता और अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष शमशेर आलम आए हुए हैं। वे तुरंत अपने पुत्र के साथ वहां पहुंचे और अपनी व्यथा उन्हें सुनाई।
जमुना दास की कहानी सुनते ही शमशेर आलम ने तत्काल रांची में अपने परिचितों को फोन कर मदद का भरोसा दिया। आलम ने स्पष्ट कहा कि इस बच्चे को हर हाल में मदद मिलनी चाहिए। भरोसे के मुताबिक, दो दिन बाद जमुना दास अपने बेटे को लेकर रांची पहुंचे। जहां विकास को निशुल्क दो कृत्रिम पैर, एक व्हीलचेयर और एक बैसाखी उपलब्ध कराई गई।
साहिबगंज लौटकर जमुना दास सीधा परी सदन पहुंचे और शमशेर आलम को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि जब सभी दरवाजे बंद हो गए थे, तब अल्पसंख्यक आयोग उपाध्यक्ष ने उनके बेटे की जिंदगी को नई राह दी।
शमशेर आलम ने भी इस मौके पर कहा कि “मीटिंग के दौरान जब जमुना दास ने अपनी पीड़ा बताई, तो मैंने तुरंत पहल की आज विकास को जो सहारा मिला है, वह केवल शुरुआत है, भविष्य में भी हरसंभव मदद की जाएगी। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि रेलवे से अभी तक किसी प्रकार का मुआवजा नहीं मिलने की जानकारी पर आयोग की ओर से रेलवे से पत्राचार कर उचित कार्रवाई की मांग की जाएगी। विकास को नई जिंदगी देने वाली इस मदद से न सिर्फ जमुना दास का परिवार भावुक हुआ, बल्कि वहां मौजूद लोगों ने भी शमशेर आलम की सराहना करते हुए कहा कि समाज को ऐसे ही सामाजिक कार्यकर्ताओं की जरूरत है, जो गरीब और असहाय की मदद करे।