रेपो रेट में कटौती से ईएमआई होगी सस्ती, मध्यम वर्ग को एक और राहत

Business

Eksandeshlive Desk

मुंबई/नई दिल्ली : चालू वित्त वर्ष 2024-25 की आखिरी द्विमासिक मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती किए जाने का मध्यम वर्ग को लाभ मिलेगा। इससे मासिक किस्तों (ईएमआई) पर पड़ेगा। रेपो रेट में कटौती की घोषणा के बाद आम आदमी को होम लोन, वाहन लोन, पसर्नल लोन की ईएमआई में राहत मिल सकती है। रेपो रेट में यह कटौती पांच साल के अंतराल के बाद की गई है। पिछली कटौती मई, 2020 में हुई थी। आर्थिक क्षेत्र के अनुसार आयकर की सीमा 12 लाख रुपए तक करने के बाद इससे मध्यम वर्ग को और लाभ मिलेगा।

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने शुक्रवार को रेपो रेट में कटौती के फैसले का ऐलान किया।
मौद्रिक नीति की घोषणा की जिसकी मुख्य बातें निम्नलिखित हैं:- रेपो रेट (अल्पकालिक उधार दर) 0.25 फीसदी घटाकर 6.50 से 6.25 फीसदी की गई। ‘तटस्थ’ मौद्रिक नीति रुख जारी रहेगा। अगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.7 फीसदी रहने का अनुमान जताया गया है। वित्त वर्ष 2025-26 में मुद्रास्फीति (महंगाई दर) घटकर 4.2 फीसदी पर आने का अनुमान जताया गया है, जबकि चालू वित्‍त वर्ष 2024-25 में जीडीपी 4.8 फीसदी रहने की संभावना है। खाद्य मुद्रास्फीति के दबाव में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है। मुख्य मुद्रास्फीति में वृद्धि की उम्मीद, लेकिन यह मध्यम रहेगी। बैंकों का विशेष इंटरनेट डोमेन ‘बैंक डॉट इन’, जबकि गैर -बैंकिंग इकाइयों के लिए ‘फिन डॉट इन’ होगा। आरबीआई ने वैश्विक आर्थिक पृष्ठभूमि को चुनौतीपूर्ण बताया है। इसके बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत व जुझारू बनी हुई है। चालू खाते के घाटे के टिकाऊ स्तर के भीतर बने रहने की उम्मीद। 31 जनवरी, 2025 तक देश का विदेशी मुद्रा भंडार 630.6 अरब यूएस डॉलर था। मौद्रिक नीति समिति की अगली बैठक सात-नौ अप्रैल, 2025 को होगी।

Spread the love