Sunil
रांची : रांची में 10 बेड आईसीयू परियोजना के अंतर्गत एक व्यापक क्रिटिकल केयर प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। यह परियोजना विशेष रूप से पिछड़े और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित सरकारी अस्पतालों की गहन चिकित्सा क्षमताओं को सशक्त बनाने हेतु शुरू की गई है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 10 बेड आईसीयू पहल का एक महत्वपूर्ण भाग है, जिसकी संकल्पना कोविड-19 महामारी की डेल्टा लहर के दौरान की गई थी। इस परियोजना का उद्देश्य देशभर के माध्यमिक सरकारी अस्पतालों में पूरी तरह सुसज्जित 10-बिस्तरों वाले आईसीयू की स्थापना कर, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के बीच स्वास्थ्य सेवा की खाई को पाटना है। झारखंड में यह क्षमता-विकास पहल कोल इंडिया के उदार योगदान और झारखंड सरकार के सशक्त नेतृत्व एवं सहयोग से लागू की जा रही है। इस परियोजना को दो चरणों में लागू किया जा रहा है, जिसमें प्रथम चरण में रांची, गुमला, लातेहार, चतरा और खूंटी के पाँच सदर अस्पतालों को शामिल किया गया है, जिन्हें रिम्स रांची में स्थापित टेली-आईसीयू हब से जोड़ा गया है। परियोजना शुरू होने से पहले, इन सभी अस्पतालों में आधुनिक क्रिटिकल केयर उपकरण, उअफए एटफ प्लेटफॉर्म, और एकीकृत टेली-आईसीयू प्रणाली स्थापित की गई है। यह डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम ग्रामीण क्षेत्रों में गंभीर रोगियों को तृतीयक स्तर के विशेषज्ञों से दूरस्थ परामर्श उपलब्ध कराता है, जिससे समय पर और विशेषज्ञ-नेतृत्व वाली चिकित्सा संभव हो पाती है। रिम्स रांची में आयोजित प्रशिक्षण में पाँचों सदर अस्पतालों के चिकित्सा पदाधिकारियों, फिजिशियन और नर्सिंग स्टाफ ने भाग लिया। प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में आईसीयू देखभाल के विभिन्न प्रमुख पहलुओं को शामिल किया गया। टेली-आईसीयू प्रणाली का क्रियान्वयन, ठोस प्रशिक्षण कार्यक्रम, और स्थानीय स्वास्थ्य समितियों के माध्यम से समुदाय की भागीदारी। यह परियोजना पहले से ही मणिपुर, नागालैंड, सिक्किम, असम, मेघालय, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पुडुचेरी सहित दस राज्यों में सक्रिय है, और अब झारखंड में भी अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुकी है।यह पहल सार्वजनिक स्वास्थ्य नेतृत्व, निजी परोपकार और स्वास्थ्य नवाचार के बीच एक सशक्त साझेदारी का उदाहरण है।
