रिम्स शासी परिषद की बैठक : चालकों को श्रम विभाग के मानदेय दर से होगा वेतन का भुगतान

360° Ek Sandesh Live

रांची: रिम्स के चालकों को श्रम विभाग के मानक के अनुसार वेतन का भुगतान किया जाएगा। यह निर्णय बुधवार को रिम्स (राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान) की शासी परिषद की 63 वीं बैठक में लिया गया। बैठक का आयोजन रिम्स के मल्टीमीडिया रिसोर्स सेंटर में किया गया था। बैठक की अध्यक्षता स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने की। बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 13 सितंबर की जीबी बैठक में चिकित्सा उपकरणों की खरीद का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब तक खरीद प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। उन्होंने मशीनों की तत्काल खरीदारी का निर्देश दिया। मौके पर उन्होंने रिम्स को 100 नए वेंटिलेटर उपलब्ध कराने की बात कही। बैठक में रिम्स के नए भवन निर्माण और पुराने भवन की मरम्मत करने पर चर्चा हुई। रिम्स निदेशक ने बताया कि अभी तक नए भवन के निर्माण का कार्य की शुरुआत नहीं हुई है। इस पर मंत्री ने नाराजगी व्यक्त करते हुए अगली बैठक में बिल्डिंग कॉरपोरेशन के प्रतिनिधि को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में बुलाने का निर्देश दिया। साथ ही ट्रॉमा सेंटर में हर बेड पर वेंटिलेटर लगाने को कहा। बैठक में परिषद ने पाया कि ट्रॉमा सेंटर के प्रत्येक बेड पर वेंटिलेटर लगाए जाने का निर्णय अब तक अमल में नहीं आ सका है। इस पर सभी सदस्यों ने नाराजगी जताई और तत्काल वेंटिलेटर खरीदने और आउटसोर्सिंग के माध्यम से आवश्यक कर्मियों की नियुक्ति करने का निर्देश दिया। बैठक में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने रैन बसेरा का मुद्दा उठाया। उन्होंने बताया कि डेढ़ वर्ष पूर्व उद्घाटन के बावजूद रैन बसेरा निष्क्रिय है। उन्होंने निर्देश दिया कि रैन बसेरा तत्काल संचालित किया जाए और सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए। बैठक में रिम्स के कुछ चिकित्सकों की ओर से निजी प्रैक्टिस किए जाने के मामलों की समीक्षा की गई। साथ ही रिम्स की भूमि पर अतिक्रमण रोकने के उपायों पर भी चर्चा हुई। विधायक सुुरेश बैठा ने अतिक्रमण हटाने से पूर्व प्रभावित लोगों के पुनर्वास की व्यवस्था करने को कहा। वहीं रिम्स निदेशक ने बताया कि सह प्राध्यापक और अन्य पदों पर नियुक्ति के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की गई है। समिति ने अनुशंसा किया कि दो लोगों की अनुकंपा के आधार पर नियुक्ति की जाए, जबकि दो बाहरी अभ्यर्थियों को निरस्त किया जाए।

बैठक में मंत्री ने निजी अस्पतालों की ओर से ब्रेन डेड मरीजों को रिम्स भेजने की प्रवृत्ति पर रोक लगाने को कहा। इसके लिए उन्होंने नया एसओपी तैयार करने को कहा। मंत्री ने कहा कि एसओपी में नियम उल्लंघन करने वाले अस्पतालों पर कार्रवाई का प्रावधान है।बैठक में अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि रिम्स को राज्य का सबसे उत्कृष्ट अस्पताल बनाया जा सकता है। इसके लिए बोन मैरो ट्रांसप्लांट और किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा शुरू की जानी चाहिए। उन्होंने फुली टोमेटिक नेट मशीन की तत्काल खरीदारी का भी निर्देश दिया।बैठक में रिम्स निदेशक की हालिया विदेश यात्रा का मुद्दा भी उठा। मंत्री ने कहा कि निदेशक की यात्रा नियमों के विपरीत थी और ऐसे निर्णय संस्थान के हित में नहीं हैं। हालांकि, निदेशक ने इस पर अपनी स्पष्टीकरण दी।बैठक में हाईकोर्ट के जस्टिस अमरेश्वर सहाय विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में उपस्थित रहे। इसके अलावा बैठक में रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ, सुरेश बैठा, अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह, रिम्स निदेशक, रांची विश्वविद्यालय के कुलपति, रिनपास के निदेशक, स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव ललित मोहन शुक्ल, वित्त विभाग के प्रधान सचिव और चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक सहित अन्य उपस्थित थे।

Spread the love