रोहतासगढ़ के विकास और आदिवासियों के उन्नयन का भरोसा दिलाया लालू जी ने: बंधु तिर्की

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छठ महापर्व के बाद पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ आदिवासी नेताओं के दौरे का निर्णय

Eksandeshlive Desk

रांची: 21 अक्टूबर. पूर्व मंत्री झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष और इंडिया गठबंधन के महत्वपूर्ण नेता लालू प्रसाद यादव ने उन्हें यह भरोसा दिलाया है कि बिहार में आदिवासियों के महत्वपूर्ण सांस्कृतिक एवं पौराणिक धरोहर, प्रागैतिहासिक काल के रोहतासगढ़ किले के संरक्षण और संवर्धन के लिये बिहार सरकार हर संभव उपाय करेगी। श्री यादव ने कहा कि उपमुख्यमंत्री एवं पर्यटन मंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं और न केवल रोहतासगढ़ किले बल्कि बिहार में रहनेवाले आदिवासियों की समस्याओं के त्वरित निष्पादन बल्कि उनकी आर्थिक-सामाजिक स्थिति में सुधार के साथ उनके जीवन स्तर को ऊँचा उठाने के लिये भी प्रभावी उपाय प्रयास किये जायेंगे।
झारखण्ड में इंडिया गठबंधन के विभिन्न घटक दलों की स्थिति को मजबूत करने, आपसी सामंजस्य को और भी प्रभावी बनाने के साथ ही, झारखण्ड की सभी लोकसभा सीटों पर बेहतर प्रदर्शन करने के संदर्भ में विचार विमर्श के लिये श्री यादव के आमंत्रण पर श्री तिर्की ने आज पटना में राजद अध्यक्ष श्री यादव से उनके आवास पर मुलाकात की। भेंट के दौरान श्री तिर्की ने कहा कि झारखण्ड में सभी 14 लोकसभा क्षेत्रों में सत्तादारी गठबंधन के सभी घटक दल एक-दूसरे के साथ बेहतर सामंजस्य के साथ काम कर रहे हैं। श्री तिर्की ने बताया कि सभी दलों का प्रयास आम जनता के मध्य न केवल कांग्रेस बल्कि इंडिया अलायंस की विचारधारा को मजबूती के साथ रखना है। श्री तिर्की ने कहा कि श्री यादव के साथ बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि छठ महापर्व के तत्काल बाद आदिवासी नेताओं का एक दल बिहार के पर्यटन विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ रोहतासगढ़ का दौरा कर वहाँ के विकास तथा पर्यटन को बढ़ावा देने के संदर्भ में विचार विमर्श करेगा। इसके अलावा उक्त दल के दौरे के बाद श्री तिर्की भी बिहार सरकार के पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ विचार करेंगे जिसके बाद महत्वपूर्ण निर्णय लिये जायेंगे। आज श्री यादव से श्री तिर्की की बैठक के दौरान रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय भाषा विभाग के प्रो. बन्दे उरांव भी उपस्थित थे।