Eksandeshlive Desk
देहरादून : रुद्रप्रयाग जिले के ग्राम चमेली, रूमसी, चमरारा तोक व विजयनगर क्षेत्र में सौड़ी गदेरे और बेडू बगड़ नाले में अतिवृष्टि के बाद भारी मात्रा में मलबाघरों में घुस गया। मलबे से मकानों, गौशालाओं, शौचालयों के साथ ही संपर्क मार्गों को क्षति पहुंची है। वहीं, केंदारनाथ मार्ग का गौरीकुंड घोड़ा पड़ाव के पास 30 मीटर हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया। केदारनाथ की ओर फंसे 1600 यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है और 700 अन्य यात्रियों को निकालने को लेकर रेस्क्यू अभियान जारी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राहत एवं बचाव की स्वयं निगरानी कर रहे हैं। आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि बीती रात लगभग 01ः00 बजे से सुबह 04ः00 बजे के मध्य तहसील रुद्रप्रयाग अंतर्गत ग्राम चमेली, रूमसी, चमरारा तोक एवं विजयनगर क्षेत्र में सौड़ी गदेरे और बेडू बगड़ नाले में उफान आ गया। पानी लोगों के घरों में घुस गया और गौशालाओं को भी नुकसान पहुंचा है। उन्होंने बताया कि राज्य व जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र को सूचना प्राप्त होते ही राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिए गए। आपदा प्रबंधन विभाग के साथ ही राजस्व विभाग, लोक निर्माण विभाग, पुलिस विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुट गईं। प्रभावित क्षेत्रों में जेसीबी व अन्य संसाधनों की सहायता से मलबा हटाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। ग्रामीणों, पशुधन एवं अन्य प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। प्रशासन ने राहत शिविरों में आपदा से प्रभावित लोगों की व्यवस्था की है। दूसरी ओर प्रातः लगभग 4ः00 बजे गौरीकुंड में घोड़ापड़ाव से लगभग 50 मीटर की दूरी पर केदारनाथ यात्रा मार्ग पर लगभग 30 मीटर क्षेत्र में भारी पत्थर व मलबा आने से क्षतिग्रस्त हो गया। यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग बनाकर सुरक्षित निकाला गया। अब तक केदारनाथ की ओर से लगभग 1600 यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। लगभग 700 अन्य यात्रियों को निकालने की कार्यवाही जारी है। बंद मार्गों को खोलने का कार्य भी युद्धस्तर पर जारी है। मौसम अनुकूल रहा तो शाम तक सभी मार्गों को खोल दिया जाएगा। आपदा प्रबंध प्राधिकरण के सचिव विनोद सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और राहत एवं बचाव अभियान की लगातार निगरानी कर रहे हैं। आवश्यकता अनुसार अतिरिक्त संसाधनों की व्यवस्था की जा रही है। अब तक की जानकारी के अनुसार इस आपदा में किसी प्रकार की जनहानि या पशुहानि की सूचना नहीं है, जो राहत की बात है।
महाराष्ट्र में पुणे सहित कई जिलों में अगले 24 घंटों के लिए बारिश का ‘रेड अलर्ट’ : मुंबई : महाराष्ट्र के पुणे सहित कई जिलों में अगले 24 घंटों के लिए बारिश का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। भारतीय मौसम विभाग ने शनिवार को बताया कि राज्य के पालघर, चंद्रपुर, गोंदिया और पुणे जिले में अगले 24 घंटों के लिए बारिश का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। साथ ही कोंकण क्षेत्र में समुंद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठने की भी चेतावनी दी गई है। इसे देखते हुए प्रशासन ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल को आपातकालीन स्थितियों के लिए सतर्क रहने के निर्देश दिया है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने आज बताया कि रायगढ़ जिले में कुंडलिका और सावित्री नदियाँ तथा रत्नागिरी जिले में जगबुड़ी नदी चेतावनी स्तर को पार कर गई हैं और नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। साथ ही नासिक जिले में वाघड़ बांध 98 प्रतिशत भर गया है और कोलवन नदी बेसिन में 500 से 1000 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना है, इसलिए नदी किनारे के गाँवों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है। पुणे जिले में, पवना बांध से 7410 क्यूसेक और खडकवासला बांध से 1744 क्यूसेक पानी छोडऩा शुरू कर दिया गया है। यदि वर्षा बढ़ती है, तो पानी छोडऩे की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। केंद्र ने बताया कि लोगों को इस संबंध में सूचित कर दिया गया है और जिला प्रशासन सतर्क है। मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर खोपोली के पास बोरघाट में मुंबई लेन पर भूस्खलन हुआ था। भूस्खलन को हटा दिया गया है और यातायात सुचारू रूप से चल रहा है। गढ़चिरौली जिले के भामरागढ़ तहसील में भारी बारिश के कारण निज़ामाबाद-जगदलपुर मार्ग पर स्थित पुल की एक सुरक्षा दीवार ढह गई थी। इस मार्ग को कुछ समय के लिए यातायात के लिए बंद कर दिया गया था। वर्तमान में इस मार्ग पर यातायात सामान्य है। भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र ने बताया कि 26 जुलाई 2025 की शाम 5.30 बजे से 28 जुलाई 2025 की रात 8.30 बजे तक मुंबई शहर, मुंबई उपनगरों, ठाणे, पालघर, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में 4.2 से 4.7 मीटर ऊँची लहरों की चेतावनी जारी की गई है। इस दौरान छोटी नावों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने बताया है कि प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं ।