संकट मोचन हनुमान मंदिर प्राण प्रतिष्ठा संपन्न

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अशोक वर्मा
मोतिहारी : सदर प्रखंड के बरदाहा गांव में आज एक ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन के तहत संकट मोचन हनुमान मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह अत्यंत श्रद्धा और भव्यता के साथ संपन्न हुआ। यह मंदिर गांव के प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर के निकट स्थित है। धार्मिक आयोजन की शुरुआत सुबह वैदिक मंत्रोच्चार और हवन के साथ हुई, जिसका नेतृत्व आचार्य रीतेश कुमार उपाध्याय ने किया। मंदिर स्थापना के शुभ अवसर पर गांव की धार्मिक और सांस्कृतिक परंपरा के अनुरूप एक विशाल कलश यात्रा निकाली गई, जिसमें 1100 कुंवारी कन्याओं ने भाग लिया। ये कन्याएं सिर पर पवित्र जल से भरे कलश लेकर पूरे गांव में भ्रमण करती हुई मंदिर परिसर पहुंचीं। यात्रा की अगुवाई पंचायत के जनप्रतिनिधि मुखिया मोहन सहनी, सरपंच मुरारी सहनी, एवं पंचायत समिति सदस्य राजेश कुमार सहनी ने की। कलश यात्रा में शामिल कन्याओं में प्रमुख रूप से मनीषा कुमारी, किरण कुमारी, मुस्कान कुमारी, रवीना कुमारी, अंतिमा कुमारी, नंदनी कुमारी, चांदनी कुमारी, कोमल कुमारी, संगीता कुमारी सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण युवतियां मौजूद रहीं। कलश यात्रा ने गांव में उत्सव जैसा माहौल बना दिया और श्रद्धालु जय श्रीराम, जय बजरंग बली के उद्घोष करते हुए चल रहे थे। उस विशेष अवसर पर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा में भाग लिया और गांववासियों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि “ऐसे धार्मिक आयोजन समाज में समरसता और श्रद्धा का संदेश देते हैं। संकट मोचन हनुमान जी की कृपा से इस गांव का सर्वांगीण विकास होगा।”
धार्मिक अनुष्ठानों और भंडारे का आयोजन किया गया था। पूरे दिन मंदिर परिसर में धार्मिक अनुष्ठान चलते रहे, जिसमें प्राण प्रतिष्ठा, रुद्राभिषेक, अष्टयाम हनुमान आराधना और भव्य भंडारे का आयोजन किया गया। भंडारे में हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। भक्ति-भाव से ओतप्रोत वातावरण में भक्तगण हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और रामधुन का जाप करते रहे। इस आयोजन को सफल बनाने में संकट मोचन हनुमान मंदिर समिति की अहम भूमिका रही। मंदिर के अध्यक्ष झ्र मदन सहनी, कोषाध्यक्ष जलंधर सहनी, सचिव भोला कुमार सहनी ने आयोजन की संपूर्ण व्यवस्था को संभाला और गांव के सभी वर्गों को आयोजन से जोड़ने का कार्य किया। अनुष्ठान कार्यक्रम से गांव में धार्मिक चेतना और सामाजिक एकता का संदेश दिया गया।इस कार्यक्रम ने न केवल धार्मिक आस्था को जागृत किया, बल्कि गांव में सामाजिक एकता, समरसता और सहयोग की मिसाल भी पेश की गई। स्थानीय लोगों की भारी भागीदारी और उत्साह ने इसे एक यादगार अवसर बना दिया। ग्रामीणों मे काफी प्रसन्नता थी।