Eksandesh Desk
लातेहार: यह कहना गलत नहीं होगा कि शहर के श्री वैष्णव मंदिर न सिर्फ लातेहार बल्कि आसपास के क्षेत्रों के श्रद्धालुओं के लिये आस्था व विश्वास का प्रतीक है। बहुत ही दूर-दूर से लोग यहां आते हैं और मां के दर्शन करते है माता के चरणों में माथा टेक कर अपनी सुख व समृद्धि की कामना करते है यही नहीं श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर सांप्रदायिक सौहार्द की भी अनूठा मिसाल है। जब साल 1992 में इस मंदिर का निर्माण कराया जा रहा था तो मंदिर निर्माण समिति का अध्यक्ष अभिनंदन प्रसाद एवं मुस्लिम समुदाय के मोहम्मद शफीक को मंदिर निर्माण समिति का उपाध्यक्ष बनाया गया था। मोहम्मद शफीक ने न सिर्फ मंदिर निर्माण में व्यक्तिगत रूप से बढ़ चढ़ कर आर्थिक सहयोग दिया था बल्कि चंदा संग्रहण में भी अपनी अहम भागीदारी निभाई थी।श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर के सिल्वर जयंती वर्ष पर मोहम्द शफीक के पुत्र मो. शकील अख्तर (सदस्य, स्थायी लोक अदालत, लातेहार) को मंदिर समिति के द्वारा माता की चुनरी भेंट कर सम्मानित किया था मोहम्मद शकील ने कहा कि इस मंदिर से उनका एवं उनके परिवार का विशेष लगाव है।
आज जिस स्थान पर श्री वैष्णव दुर्गा मंदिर है वहां पर एक बड़ा सा तालाब हुआ करता था। तालाब के पास आजादी के पहले से ही दुर्गा पूजा होता था बाद में साल 1948 में तालाब के एक हिस्से को भर कर देवी मंडप का निर्माण कराया गया था। उसके बाद से लगातार देवी मंडप में माता दुर्गा की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना किया जाता था बाद में एक सामूहिक बैठक कर यहां एक मंदिर निर्माण कराने का निर्णय लिया गया। वर्ष 1992 में यहां मंदिर निर्माण का कार्य शुरू किया गया दो वर्ष बाद वर्ष 1994 में माघ मास की त्रयोदशी , शुल्क पक्ष को मंदिर में माता वैष्णव दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की गयी थी। तब से प्रति वर्ष इस तिथि को मंदिर का तीन दिवसीय स्थापना दिवस मनाया जाता है स्थापना दिवस कार्यक्रम में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा तक भाग ले चुके हैं कहते हैं मंदिर में स्थापित माता की प्रतिमा अद्वितीय है जो भी एक बार देखता है मंत्रमुग्ध हो जाता है।
झारखंड अलग होने के बाद जब बैद्यनाथ राम विधायक बने तो उन्होंने अपने विधायक कोटे की राशि से मंदिर परिसर में एक विशाल विवाह मंडप का निर्माण कराया है । बैद्यनाथ राम ने विधायकी के अपने दूसरे कार्यकाल में भी विवाह मंडप के उपर एक हॉल एवं सात कमरों का निर्माण कराया आज मंदिर परिसर में प्रतिवर्ष दर्जनों शादियां व अन्य कार्यक्रम का आयोजन होता है।