Mustafa Ansari
रांची: राजधानी रांची के बीआईटी मेसरा चौक पर झारखंड लोक कला मंच के सभी रसिका साथी व प्रबुद्ध गणमान्य गणों के संयुक्त तत्वाधान में हर्षोउल्लास के साथ 26 नवंबर (दिन मंगलवार) को संविधान दिवस मनाया गया। इस क्रम में सबसे पहले संविधान निर्माता डा. भीमराव अम्बेडकर की चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद कांके प्रखंड प्रमुख सोमनाथ मुंडा व झामुमो किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष झब्बुलाल महतो एवं श्रवण लोहरा द्वारा संविधान की उद्देश्यिका को बताया गया।
उल्लेखनीय है कि भारत का संविधान 26 अगस्त 1949 को बनकर तैयार हुआ था। संविधान सभा के गठन समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर 2015 को पहली बार भारत सरकार द्वारा पूरे भारत में संविधान दिवस मनाया गया था,और 26 नवंबर 2015 से प्रत्येक वर्ष पूरे भारत में संविधान दिवस मनाया जा रहा है। इससे पहले इसे राष्ट्रीय कानून दिवस के रूप में मनाया जाता था। 26 जनवरी 1950 को संविधान अमल में लाया गया।
वहीं वरिष्ठ समाजसेवी हाजी सफरुद्दीन अंसारी ने कहा कि इस दिन का मकसद देश के नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की भावना को बढ़ाना है। उन्होंने कहा कोई भी देश बिना संविधान के नहीं चल सकता। संविधान में ही देश के सिद्धांत और उसको चलाने के तौर तरीके होते हैं। इस दौरान हाजी महबुब आलम, हाजी असलम,नागपुरी जगत के मशहूर गायक इग्नेश कुमार, हेयात अंसारी,प्रीतम कुमार,मकसुद अंसारी,केशव केशरिया,मनसूर आलम,मंगल जी,रौशन विश्वकर्मा,बीरेंद्र महतो,जाफर अंसारी, संजय करमाली,इमामुल अंसारी,संदीप करमाली आदि दर्जनों समाजसेवी मौजूद थे।