संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन सीरिया पहुंचे, कहा- संकल्प ‘2254’ का अब कोई मतलब नहीं

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Eksandeshlive Desk

दमिश्क : सीरिया की यात्रा पर पहुंचे संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन ने संकेत दिए हैं कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र संकल्प ‘2254’ के विकल्प के रूप में एक नया प्रस्ताव जारी कर सकती है। उन्होंने कहा कि सीरिया के मौजूदा हालात में इस संकल्प का कोई मतलब नहीं रह गया है। सीरिया में संयुक्त राष्ट्र के दूत गीर पेडरसन ने बुधवार को संवाददाता सम्मेलन को भी संबोधित किया। इस दौरान भी उन्होंने यही बात कही।

अरबी न्यूज वेबसाइट “963+” के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि “संयुक्त राष्ट्र के नया प्रस्ताव जारी करने में कुछ समय लग सकता है। इसमें कितना समय लगेगा, यह पूरी तरह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर निर्भर है। सीरिया की यात्रा के दौरान पेडरसन ने नए सीरियाई प्रशासन के प्रमुख अहमद अल-शरा और विदेश मामलों के मंत्री असद अल-शैबानी से मुलाकात की है। उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने 2015 में संकल्प ‘2254’ जारी किया था। उन्होंने कहा कि तब सीरिया में हालात बहुत अलग थे। अब परिस्थियां बदल चुकी हैं।

लगभग डेढ़ महीने पहले गीर पेडरसन ने माना था कि “संकल्प में निर्दिष्ट पार्टियों में से एक को उखाड़ फेंकने के बाद सीरिया के संबंध में संयुक्त राष्ट्र संकल्प ‘2254’ को लागू करना अब तकनीकी रूप से संभव नहीं है। पूर्व सीरियाई शासन के पतन के बाद गीर पेडरसन पहली बार दमिश्क पहुंचे हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने उन्हें 2018 में सीरिया के लिए विशेष दूत नियुक्त किया था। उन्होंने स्टाफन डी मिस्तुरा की जगह ली थी। संयुक्त राष्ट्र के दूत ने कहा कि संकल्प ‘2254’ सीरियाई विपक्ष और अपदस्थ सीरियाई शासन के बीच बातचीत आयोजित करने का प्रावधान करता है। यह वर्तमान समय में उपयोगी नहीं है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सीरिया में राजनीतिक और आर्थिक समाधान का समर्थन करता है।