संयुक्त राष्ट्र ने गाजा पर नियंत्रण के इजराइल के फैसले पर चिंता जताई, कहा-लाखों फिलिस्तीनियों पर विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं और गंभीर

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Eksandeshlive Desk

न्यूयॉर्क/यरुशलम : संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने शुक्रवार को गाजा पर पूर्ण कब्जे (नियंत्रण) के इजराइल के फैसले पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता के बयान के अनुसार, इजराइल के गाजा शहर पर नियंत्रण करने से लाखों फिलिस्तीनियों पर विनाशकारी परिणाम और भी गंभीर हो सकते हैं। साथ ही शेष बंधकों समेत और भी लोगों के जीवन को खतरा हो सकता है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव गुटेरेस ने कहा कि इजराइल का यह फैसला खतरनाक उग्रता का प्रतीक है। महासचिव ने चेतावनी दी है कि इससे जबरिया विस्थापन बढ़ेगा। खूनखराबा और बड़े पैमाने पर विनाश होगा। इसलिए गाजा में फिलिस्तीनी आबादी की अकल्पनीय पीड़ा और बढ़ जाएगी। उन्होंने स्थायी युद्धविराम, गाजा में निर्बाध मानवीय पहुंच और सभी बंधकों की तत्काल और बिना शर्त रिहाई की अपनी अपील दुहराई। उन्होंने इजराइल से अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अपने दायित्वों का पालन करने का आग्रह किया। उन्होंने याद दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने 19 जुलाई 2024 को अपनी सलाह में कहा था कि इजराइल का दायित्व है कि वह सभी नई बस्तियां बसाने की गतिविधियों को तुरंत रोके। साथ ही कब्जे वाले फिलिस्तीनी क्षेत्र में अपनी अवैध उपस्थिति को यथाशीघ्र समाप्त करे। गुटेरेस ने कहा कि इसके बिना इस संघर्ष का स्थायी समाधान नहीं होगा। गाजा फिलिस्तीनी राज्य का अभिन्न अंग है और उसे बना रहना चाहिए।

नेतन्याहू ने कहा-गाजा पर कब्जा नहीं, हमास से मुक्ति का लक्ष्य : इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने स्पष्ट किया है कि उनका देश गाज़ा पर पूर्ण कब्ज़ा करने का इरादा नहीं रखता, बल्कि उद्देश्य गाज़ा को हमास से मुक्त कर एक शांतिपूर्ण प्रशासन स्थापित करना है। यह बयान ऐसे समय आया है जब सुरक्षा कैबिनेट ने गाज़ा सिटी पर नियंत्रण के लिए अभियान के बड़े विस्तार को मंजूरी दी है। शुक्रवार को सोशल मीडिया पर जारी संदेश में नेतन्याहू ने कहा, “गाज़ा को निरस्त्र किया जाएगा और वहां एक नागरिक प्रशासन स्थापित होगा, जो न तो फिलीस्तीनी प्राधिकरण होगा, न हमास और न ही कोई अन्य आतंकी संगठन। यह हमारे बंधकों को छुड़ाने और भविष्य में गाज़ा को इज़राइल के लिए खतरा बनने से रोकने में मदद करेगा।” गुरुवार को एक टीवी इंटरव्यू में उन्होंने गाज़ा पर पूर्ण नियंत्रण का संकेत दिया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और सहयोगियों की चिंता के बाद उन्होंने अपनी भाषा नरम की। विश्लेषकों का मानना है कि कब्ज़ा शब्द से बचने का एक कारण यह भी है कि कानूनी रूप से ऐसा होने पर इज़राइल को वहां बुनियादी सेवाएं उपलब्ध कराने की बाध्यता होगी। नेतन्याहू ने जर्मन चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ से बातचीत में भी यही रुख दोहराया और जर्मनी के हथियार निर्यात निलंबन पर निराशा व्यक्त की।

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