सीएमपीडीआई में पूरे हर्षोल्लास के साथ गणतंत्र दिवस मनाया गया

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रांची: सीएमपीडीआई के सीएमडी मनोज कुमार ने कार्यालय के मैंदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और कहा कि कोयला एवं गैर-कोयला क्षेत्र में एनएमईटी के माध्यम से गवेषण का प्रयास किया जा रहा है। अभी तक गैर-कोयला ब्लॉकों के 5 प्रस्तावों सहित कुल 28 प्रस्तावों की स्वीकृत मिल चुकी है वहीं गैर-कोयला क्षेत्र में गवेषण के तहत सीएमपीडीआई ने 3 बाक्साइट और 1 बेस मेटल ब्लाक की भूवैज्ञानिक रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इसके अतिरिक्त, मैगनेटाइट के 1 ब्लाक में गवेषण कार्य भी प्रारंभ हो चुका है। दिसम्बर, 2024 तक कुल 192 रिपोर्ट तैयार कर लिए गए हैं । जिसमें 19 जियोलाजिकल रिपोर्ट्स और 13 प्रोजेक्ट रेपोर्ट्स शामिल हैं। 19 जीआर के जरिए लगभग 272 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र को शामिल कर विस्तृत गवेषण के माध्यम से 5.74 बिलियन टन अतिरिक्त कोल रिजर्वस को प्रमाणित श्रेणी में लाया गया है वहीं 31 मिलियन टन प्रतिवर्ष क्षमता बढ़ोत्तरी वाली 13 पीआर भी तैयार की गयी है। प्रमाणित श्रेणी के कोयला संसाधन को 1976 के 21 बिलियन टन के स्तर से 1 अप्रैल, 2024 तक लगभग 212 बिलियन टन किया गया है जिसमें अधिकांश कार्य सीएमपीडीआई द्वारा ही किया गया है।
इस मौके पर श्री कुमार ने कहा कि 75 मिलियन टन पीक कैपेसिटी वाली एशिया के सबसे बड़ी खुली खदान कुसमुण्डा ओसी एक्सपैंशन (50-75) के प्रोजेक्ट रिपोर्ट को सीआईएल बोर्ड द्वारा स्वीकृत किया गया। परियोजना की अवधारणा एक माडल खदान के रूप में की गयी है जिसमें कोयले की निकासी, परिवहन और पर्यावरणीय शमन के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को एकीकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त, कैप्टिव यूज के लिए परियोजना सीमा के भीतर 15 मेगावाट का ग्रिड से जुड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया जाएगा जिससे कार्बन फुटप्रिन्ट में और कमी आएगी।