Eksandeshlive Desk
नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई पर हमले की कोशिश को कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने ‘संविधान पर हमला’ कहा, जबकि पार्टी महासचिव प्रिंयका गांधी ने इसको ‘संपूर्ण न्याय व्यवस्था’ पर हमला बताया। कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश पर उच्चतम न्यायालय के भीतर हुआ यह हमला बेहद निंदनीय है। इसकी निंदा करने के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। यह न केवल मुख्य न्यायाधीश पर, बल्कि हमारे संविधान पर भी एक सीधा हमला है। सोनिया गांधी ने कहा कि न्यायमूर्ति गवई हमेशा विनम्र और मर्यादित रहे हैं, लेकिन आज राष्ट्र को गहरी पीड़ा और आक्रोश के साथ उनके साथ एकजुट होकर खड़ा होना चाहिए।
हमारे संविधान, संपूर्ण न्याय व्यवस्था और कानून के शासन पर हमला : कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि देश के मुख्य न्यायाधीश पर हमले की कोशिश अत्यंत शर्मनाक, दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक है। यह केवल देश के मुख्य न्यायाधीश पर नहीं, बल्कि हमारे संविधान, संपूर्ण न्याय व्यवस्था और कानून के शासन पर हमला है। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश ने अपनी मेहनत, लगन और योग्यता के बल पर समाज की हर बाधा को पार करते हुए सर्वोच्च न्यायिक पद हासिल किया है। उनके विरुद्ध इस प्रकार का हमला न्यायपालिका और लोकतंत्र दोनों के लिए घातक है। इस घटना की जितनी निंदा की जाए, वह कम है। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय के भीतर एक 71 वर्षीय वकील राकेश किशोर ने न्यायमूर्ति गवई पर कुछ फेंकने का प्रयास किया था। पुलिस ने उसे तुरंत काबू में कर लिया। बताया गया कि वह मुख्य न्यायाधीश की एक कथित धार्मिक टिप्पणी से आहत था। न्यायमूर्ति गवई ने पूरे घटनाक्रम के दौरान शांति बनाए रखी और अदालत की कार्यवाही बिना किसी रुकावट के जारी रही।
सीजेआई पर हमले की कोशिश न्याय पालिका की गरिमा और विधि के शासन पर सीधा हमला : उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई पर एक वकील द्वारा हमले की कोशिश को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अभूतपूर्व, शर्मनाक और घृणित बताते हुए न्याय पालिका की गरिमा और विधि के शासन पर सीधा हमला करार दिया। खरगे ने सोमवार को सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर अपने पोस्ट में कहा, ”एक ऐसे व्यक्ति को निशाना बनाना, जो संविधान की रक्षा के लिए सामाजिक बंधनों को तोड़कर सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचा है, बेहद विचलित करने वाला संदेश देता है। उन्होंने कहा कि यह धमकी और अपमान का प्रयास है, जो हमारी न्याय व्यवस्था की स्वतंत्रता को कमजोर करने की कोशिश है। उन्होंने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि “न्याय और तर्क की जीत होनी चाहिए, धमकी की नहीं।” कांग्रेस पार्टी ने आधिकारिक एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा कि यह केवल एक व्यक्ति पर हमला नहीं है बल्कि देश की संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने, ईमानदार आवाज़ों को डराने और न्यायपालिका में जनता के भरोसे को कमज़ोर करने की साजिश का हिस्सा है। भारत में डर नहीं, कानून का शासन होना चाहिए और ऐसी घटनाएं न्याय व्यवस्था पर जनता के भरोसे को कमजोर करती हैं। न्यायपालिका की सुरक्षा, गरिमा और स्वतंत्रता को राजनीतिक हस्तक्षेप और धमकी से बचाया जाना चाहिए।
कांग्रेस ने की सीजेआई पर हमले की कोशिश की निंदा : कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई पर हमले के प्रयास की निंदा की है। वेणुगोपाल ने एक्स पोस्ट में कहा कि यह घटना हमारे संविधान पर हमला है और न्यायपालिका के शीर्षस्थ न्यायाधीश को चुनौती देने का एक हताश प्रयास है, जो संविधान की रक्षा करते हैं। मुख्य न्यायाधीश गवई ने सामाजिक असमानताओं को पार कर इस मुकाम तक पहुंचकर अपनी योग्यता और दृढ़ संकल्प से यह पद हासिल किया है। उनकी यात्रा और पद का गाैरव मनाया जाना चाहिए, न कि उन पर हमला किया जाना चाहिए।