Eksandesh Desk
हजारीबाग: सीमा सुरक्षा बल के 373 नवआरक्षक(सहायक प्रशिक्षण केंद्र, सीमा सुरक्षा बल, हजारीबाग बैच संख्या-161 एवं 162), जो कि भारत के विभिन्न प्रांतों दिल्ली,केरल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक इत्यादि से है, 44 सप्ताह के कठिन परिश्रम, लगन एवं साधना के पश्चात् बुनियादी प्रशिक्षण पूर्ण कर दीक्षांत परेड में शामिल हुए। दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कमलजीत सिंह बनियाल, महानिरीक्षक, सहायक प्रशिक्षण केंद्र और प्रशिक्षण केंद्र एवं विद्यालय, सीमा सुरक्षा बल, हजारीबाग, ने सलामी ली।
इस अवसर पर जिला प्रशासन के वरीष्ठ अधिकारी, लोक प्रतिनिधि सहित संस्थान के अन्य अधिकारीगण एवं नव आरक्षकों के परिजन उपस्थित रहे। दीक्षांत परेड में शामिल 373 नव आरक्षकों ने राष्ट्रीय ध्वज के समक्ष संविधान की शपथ ली एवं राष्ट्र की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता बनाए रखने के लिए खुद को समर्पित करने का प्रण लिया।समारोह के दौरान शानदार ड्रिल और मार्च पास्ट कर नव आरक्षकों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस दौरान मुख्य अतिथि ने ओवरऑल बेस्ट परफॉरमेंस समेत विभिन्न विषयों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले नवआरक्षकों को पुरस्कार प्रदान कर उनका मनोबल बढ़ाया।बतौर मुख्य अतिथि कमलजीत सिंह बनियाल, महानिरीक्षक, सहायक प्रशिक्षण केंद्र और प्रशिक्षण केंद्र एवं विद्यालय, सीमा सुरक्षा बल, हजारीबाग ने अपने संबोधन में नवारक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि, आज की दीक्षांत परेड के बाद वे औपचारिक तौर पर, सीमा सुरक्षा बल जो कि भारत की प्रथम रक्षा पंक्ति है, के महत्वपूर्ण सदस्य बन गए हैं और बल में, कर्तव्य निर्वहन के लिए प्रथम कदम रखने जा रहे हैं। उन्होंने नवआरक्षकों के माता पिता और परिजनों को बधाई देते हुए कहा कि अपने सपूतों को सीमा सुरक्षा बल में भेजकर राष्ट्र- सेवा के कार्य में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने सहायक प्रशिक्षण केंद्र के कुशल अनुदेशकों की टीम को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए बधाई दी।दीक्षांत परेड के उपरान्त बीएसएफ बैंड की धुन ने दर्शकों को काफी आकर्षित और रोमांचित किया ।इसके अलावा जवानों के द्वारा सामूहिक योग, वेपन हैंडलिंग, केरल राज्य के मार्शल आर्ट (कलारीपट्टु) तथा केंद्रीय विद्यालय मेरु के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का बेहतरीन प्रदर्शन किया, जिसे देखकर उपस्थित लोगों ने भूरी – भूरी प्रशंसा की।सभी पास आउट होने वाले नौजवान जल्दी ही सीमाओं की जिम्मेदारी संभालने जा रहे हैं।