Ashutosh Jha
काठमांडू : सीपीएन यूएमएल की रविवार को पार्टी कार्यालय चासल में आयोजित यूएमएल सचिवालय की बैठक में भाग लेने वाले नेताओं ने बजट को परिणामोन्मुखी बनाने का सुझाव दिया है। यह निष्कर्ष निकाला गया है कि पेश की गई नीतियां और कार्यक्रम अतीत की तुलना में व्यवस्थित और सही हैं। बैठक में यह निष्कर्ष निकला कि सरकार की नीतियां एवं कार्यक्रम दिशा-निर्देश की दृष्टि से पहले की तुलना में अधिक व्यवस्थित एवं सही हैं। यूएमएल के उप महासचिव प्रदीप ग्यावली ने मीडिया को बताया कि बैठक में भाग लेने वाले नेताओं ने नीतियों और कार्यक्रमों को सकारात्मक रूप से लेते हुए बजट को ठोस और परिणामोन्मुखी बनाने का भी सुझाव दिया है।
ग्यावली ने कहा कि आगामी बजट में योजनाओं का चयन करते समय संसाधनों के मुद्दे पर भी ध्यान देने का सुझाव दिया गया। यूएमएल नेताओं का सुझाव है कि अब भी एक अरब से अधिक योजनाएं जर्जर स्थिति में हैं। योजनाएं बिना विचार-विमर्श के चुनी जाती हैं। यह बजट राष्ट्रीय परियोजनाओं पर केंद्रित होना चाहिए। छोटी-छोटी परियोजनाएं राज्य एवं स्थानीय स्तर पर दी जानी चाहिएं। प्रोजेक्ट चुनते समय स्रोत की पहचान करना भी जरूरी है। उप महासचिव ग्यावली ने यूएमएल नेताओं के सुझावों का हवाला देते हुए कहा, ”खौंका परियोजना जर्जर हो गई है क्योंकि स्रोत की पहचान नहीं की गई है।” उन्होंने यह भी कहा कि बजट को उत्पादन और उत्पादकता पर फोकस करने का सुझाव दिया गया।
इसी तरह कृषि को भी तकनीकी रूप से उन्नत बनाने पर जोर दिया गया है। बजट में उत्पादन और उत्पादकता पर जोर देने और किसानों को टेक्नोलॉजी फ्रेंडली बनाने का सुझाव दिया गया है। उन्होंने कहा कि यूएमएल नेताओं ने कृषि के पारिस्थितिकी तंत्र को व्यवहार्य बनाने पर जोर दिया। इसी प्रकार, जेनजी पीढ़ी को सूचना प्रौद्योगिकी में भाग दिलाकर एक छलांग लगाने का सुझाव दिया गया है। सरकार ने जेनजी पीढ़ी को प्राथमिकता देने और स्टार्टअप कार्यक्रम शुरू करने की नीति अपनाई है।