sunil verma
रांची: सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा महानिदेशालय खान सुरक्षा के तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का शनिवार को दूसरा दिन तकनीकी सत्रों और उच्च स्तरीय चचार्ओं के साथ संपन्न हुआ। दूसरे दिन के कार्यक्रम की शुरूआत ई एक्सपलोडर और इल्क्ट्रोनिक डेटोनेटर के उपयोग से संबंधित डीजीएमएस द्वारा तैयार ड्राफ्ट गाइडलाइंस पर विस्तृत विचार-विमर्श के साथ किया गया। सत्र में विशेषज्ञों ने सुरक्षा मानकों, तकनीकी आवश्यकताओं और भविष्य में खनन क्षेत्रों में इसके व्यावहारिक अनुप्रयोगों पर विचार साझा किए। इसके पश्चात तीन तकनीकी सत्र आयोजित किए गए, जिनमें देशभर से आए खनन विशेषज्ञों, वैज्ञानिकों और उद्योग से जुड़े तकनीकी प्रतिनिधियों ने अपने शोध पत्र और केस स्टडी प्रस्तुत किए। विशेषज्ञों ने सुरक्षित ब्लास्टिंग, वाइब्रेशन नियंत्रण,आधुनिक विस्फोटक तकनीक, इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर और जोखिम न्यूनीकरण उपायों पर अपने अनुभव साझा किए। कार्यक्रम के समापन सह वैलिडिक्टरी एवं ओपन डिस्कशन सेशन में वरिष्ठ अधिकारियों ने अपने विचार व्यक्त किए। जिसके पेनालिस्ट उज्ज्वल ताह, डीजी, डीजीएमएस, सीएमडी निलेंदु कुमार सिंह, सीसीएल डीडीजी एसईजेड डॉ. एस. एस. प्रसाद, एनआईटी राउरकेला प्रोफेसर जयंतु, प्रोफेसर आर. एम. भट्टाचार्य आईआईटी धनबाद; रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उज्ज्वल ताह,डीजी डीजीएमएस ने अपने संबोधन में कहा कि खनन क्षेत्र में मॉनिटरिंग इन ब्लास्ट अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह न केवल सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि उत्पादन क्षमता को भी बढ़ाती है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता है और सीसीएल सहित संपूर्ण कोयला उद्योग महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए सराहनीय कदम उठा रहा है। सभा को संबोधित करते हुए सीएमडी सीसीएल निलेंदु कुमार सिंह ने कहा कि आपका यहाँ आगमन हम सभी के लिए गौरव की बात है। भारत के विकास में खनिजों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, और इस दिशा में बुद्धि, बल एवं संयम तीनों की आवश्यकता होती है। इन्हीं मूल्यों के साथ कोल इंडिया निरंतर देश के खनिज क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए कार्यरत है। सभी प्रस्तुतकतार्ओं को चेयरमैन एवं को-चेयरमैन की ओर से मोमेंटो प्रदान किए गए।
