sunil Verma
रांची: अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) ने राजभवन को पत्र लिखकर पीएचडी प्रवेश परीक्षा2023 में भारती गई अनियमितता एवं यूजी सेमेस्टर 4 के छात्र छात्राओं के परीक्षा फल प्रशासन में गड़बड़ी से संबंधित पूरे घटनाक्रम की जानकारी राजभवन को दी। मौके पर मौजूद रांची विश्वविद्यालय के अध्यक्ष अभिषेक शुक्ला ने कहा की दिसंबर 2020-23 में रांची विश्वविद्यालय द्वारा जो एचडी के लिए प्रवेश परीक्षा कराई गई थी। उसमें बड़े पैमाने पर विश्वविद्यालय द्वारा अनियमितता बरती गई है पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए जो परिचय पत्र एडमिट कार्ड जारी किया गया । उसमें सभी परीक्षार्थियों का कैटेगरी जनरल था, प्रवेश पत्र एडमिट कार्ड पर न परीक्षार्थी का फोटो था, न अटेंडेंस शीट में परीक्षार्थी का फोटो लगा हुआ था। वाणिज्य विभाग के सभी प्रश्न सभी प्रश्न 2016 से हू बहू मिल रहे हैं। पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2023 का बुकलेट आंसर शीट की कार्बन कॉपी भी परीक्षार्थी को उपलब्ध नहीं कराई गई नाही प्रश्न पर आपत्ति दर्ज करने का मौका दिया गया। पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2023 यूजीसी के अधिनियम 2016 के तहत लिया गया जबकि यूजीसी की नई नियमावली 2022 में ही लागू हो चुकी है। नही पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2023 का मेरिट लिस्ट कैटिगरी वाइज जारीनही किया गया। इन सभी मामलों को लेकर जब भी छात्र-छात्राओं ने विश्वविद्यालय के कुलपति से वार्ता की तो उन्होंने कहा की इन सभी मामलों को ध्यान में रखते हुए विश्वविद्यालय नया मेरिट लिस्ट प्रकाशित करेगा जिन्हें भी आपत्ति है वह अपना आपत्ति दर्ज कर सकते हैं आपत्ति दर्ज करने के लिए 10 दोनों का समय भी दिया गया। परंतु चार माह जाने के बाद भी नहीं संशोधित रिजल्ट प्रकाशित हुआ और ना ही छात्र छात्राओं द्वारा दर्ज कराई गई आपत्ति का जवाब दिया गया।
छात्र-छात्राओं के हंगामे के बाद विश्वविद्यालय द्वारा पीएचडी प्रवेश परीक्षा में बरती गई अनियमितता की जांच करने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया लेकिन लगभग 2 महीने बीत जाने के बाद भी कमेटी द्वारा अभी तक कोई भी निर्णय नहीं दिया गया। श्री शुक्ला राज भवन के सचिवालय में राज्यपाल सह महामहिम के नाम से मांग पत्र सौंपते हुए पीएचडी प्रवेश परीक्षा 2023 के उच्च स्तरीय जांच एवं एवं 2023 पीएचडी प्रवेश परीक्षा को रद्द करने का आग्रह किया।