सुनील वर्मा
रांची : दीपाटोली छावनी, रांची में आयोजित एक ऐतिहासिक कार्यक्रम में भारतीय सेना और भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रांची के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। यह रणनीतिक सहयोग पूर्वी कमान के भारतीय सेना के अधिकारियों के लिए कार्यकारी एमबीए और कार्यकारी पीएचडी करने की दिशा में पहली पहल है और इसका उद्देश्य भारतीय सेना के अधिकारियों के नेतृत्व और प्रबंधन कौशल को अकादमिक और अनुसंधान सहयोग के माध्यम से बढ़ाना है। एमओयू पर हस्ताक्षर भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व करते हुए 23 इंफेंट्री डिवीजन के जनरल आॅफिसर कमांडिंग मेजर जनरल परमवीर सिंह डागर, विशिष्ट सेवा मेडल एवं आईआईएम रांची के निदेशक प्रो. दीपक कुमार श्रीवास्तव द्वारा किए गए। इस साझेदारी के व्यापक प्रभाव को दशार्ते हुए इसमें रांची में पदस्थापित सभी सैन्य अधिकारी के साथ नामकुम, जमशेदपुर और शाहजहांपुर के अन्य छावनियों के अधिकारीगण वीडिओ कॉनफेरेंस के माध्यम से जुड़े हुए थे। एमओयू की प्रमुख विशेषताओं में दो-वर्षीय कार्यकारी एमबीए और चार-वर्षीय कार्यकारी पीएचडी पाठ्यक्रम शामिल हैं, जिन्हें सभी योग्य भारतीय सेना के अधिकारी अपनी अध्ययन अवकाश के दौरान कर सकते हैं। यह नेतृत्व और प्रबंधन पर विचार-विमर्श के लिए संयुक्त संगोष्ठियों और सम्मेलनों की सुविधा भी प्रदान करेगा, तथा इसके साथ ही सैन्य अनुभवों और अकादमिक विशेषज्ञता से संयुक्त केस स्टडीज का विकास, पारस्परिक रुचियों को संबोधित करने वाले सहयोगी अनुसंधान परियोजनाएं, संकाय विनिमय कार्यक्रमों के माध्यम से अनुकूलित व्याख्यान और प्रशिक्षण सत्र और सेना अधिकारियों के लिए परियोजना प्रबंधन और रणनीतिक प्रबंधन जैसे विषयों पर अनुकूलित प्रबंधन विकास कार्यक्रम (एमडीपी) की दिशा में एक नया आयाम जोड़ने की संभावना रखता है। यह एमओयू दोनों संगठनों के भीतर व्यावसायिक विकास और परिवर्तनात्मक प्रबंधन प्रथाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।जिससे सशस्त्र सेनाओं की क्षमता को बढ़ावा मिलेगा।