by Sunil
रांची : श्री मरांडी ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन को भी शुभकामनाएं दी जिन्होंने 5 महीनो तक झारखंड की जनता की सेवा की। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में जनता का जनादेश सेवा के लिए मिलता है लेकिन आज हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के बाद यह स्पष्ट हो गया कि इंडी एलायंस 2019 विधानसभा चुनाव में मिले जनादेश का उपयोग केवल शिबू सोरेन परिवार की जागीर को बचाने के लिए किया जा रहा। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन परिवार की डिक्शनरी में आदिवासी का मतलब केवल उनका परिवार होता है। बाकी आदिवासी परिवारों को ये अपना पिछलग्गू बनाकर ही रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि ये वही चंपाई सोरेन हैं जिन्होंने झामुमो सुप्रीमो गुरुजी के साथ कदम से कदम मिलाकर आंदोलन में साथ दिया। सुख -दुख के सहभागी बने लेकिन आज उन्हें अहसास कराया गया कि वे भले पुराने आंदोलनकारी हैं,योग्य हैं,कर्मठ हैं लेकिन आपको नेतृत्व करने की छूट नही केवल निर्देश के पालन का अधिकार है। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन का बेटा तीन महीने भी बिना पद का नहीं रह सका। वेकैंसी नही थी तो क्रिएट कर दिया गया। लेकिन आज राज्य के होनहार प्रतिभाशाली लाखों युवा विभिन्न विभागों में वेकैंसी के बावजूद दर दर भटक रहे। उन्होंने कहा कि राज्य के लाखो बेरोजगार युवाओं को नियुक्ति वर्ष में भी नियुक्ति नहीं मिली लेकिन अकारण एक मुख्यमंत्री को हटाकर नए मुख्यमंत्री चुनने में एक घंटे भी नही लगे। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है चंपाई सोरेन पूरी तरह से हेमंत सरकार पार्ट 2 नही बन पाए जिसकी सजा उन्हें भुगतनी पड़ी। श्री मरांडी ने नव नियुक्त मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को 13 वें मुख्यमंत्री के रूप में परिवार से ऊपर उठकर राज्य के साढ़े तीन करोड़ जनता की सेवा करने की सलाह दी।