सिमड़ेगा के ‘गुदड़ी के लाल’: किसान, चाट फुचका व चॉकलेट बिस्किट बेचने वाले के बेटे बेटियों ने जिला टॉप टेन में बनाई जगह

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AMIT RANJAN

सिमडेगा/कोलेबिरा: किसी शायर ने कहा है हौसले की तरकस में कोशिश का वो तीर जिंदा रख, हार जा चाहे जिंदगी में सब कुछ मगर भी जीतने की उम्मीद से जिंदा रख । इस बात को चरितार्थ कर दिखाया है सिमड़ेगा के गुदड़ी के लाल ने जिन्होंने गरीबी और सुदूरव्रती ग्रामीण क्षेत्र में होने के बावजूद अपनी कड़ी लगन और मेहनत से होनहारों ने अपनी प्रतिभा का शानदार प्रदर्शन करते हुए जिला के टॉप टेन में जगह बनाई जी हां जैक के द्वारा शुक्रवार को मैट्रिक परीक्षा का परिणाम जारी किया गया. सिमडेगा के बोलबा प्रखण्ड के बेलकुबा गांव के स्नेहा कुमारी बानो प्रखंड के सोए गांव में रहने वाले किसान के बेटे अभिषेक महतो, कोलेबिरा प्रखंड के बेसराजरा गांव के हथिलेटा गांव की प्रीति कुमारी व कोलेबिरा बानो मुख्य पथ स्थित चॉकलेट बिस्किट बेचने वाले छोटे से दुकानदार के बेटे सुमित साहू ने जिला टॉप टेन में जगह बनाकर जिले का मान बढ़ाया है। स्नेहा कुमारी ने कुल 485 अंक यानी 97 प्रतिशत, वही अभिषेक ने मैट्रिक परीक्षा में कुल 470 अंक यानी 94प्रतिशत। वही प्रीति ने 465 अंक यानी 93 प्रतिशत वही सुमित 463 यानी92.60 मार्क्स हासिल की है।

बता दें कि इस स्नेहा कुमारी के माता पिता बोलवा प्रखंड के बेलकुबा गांव में चाट फुचका की दुकान चलाते हैं स्नेहा 97% मार्क्स लाकर जिला टॉप बनी है। स्नेहा ने बताया कि वह बिरसा आवासीय विद्यालय सलडेगा कि छात्रा थी। हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करती थी। वह आगे चलकर इंजीनियर बनना चाहती है। वह अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता गुरुजन के अलावे विद्यालय के सीनियर विद्यार्थियों को देती है।

वही अभिषेक महतो के पिता बानो प्रखंड अवस्थित सोय गांव में एक किसान है। अभिषेक की माता ग्रहणी है अभिषेक ने बताया कि वह मैट्रिक की परीक्षा संत बियानी हाई स्कूल लचरागढ़ से मैट्रिक की परीक्षा दी थी। उसने बताया कि वह नियमित रूप से पढ़ाई की। शिक्षक एवं अभिभावक सदा उसे प्रेरित करते रहे हैं। वह आगे चलकर क्या बनना चाहता है वह किसी को नहीं बताना चाहता।

वही प्रीति कुमारी के पिता चेतन बड़ाइक पेशे से किसान है। प्रीति की माता सीता मुनी देवी गृहणी है। प्रीति ने बताया कि वह अपनी मैट्रिक की परीक्षा संत अन्ना बालिका उच्च विद्यालय लचरागढ़ से मैट्रिक की परीक्षा दी थी। वह अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व संत अन्ना स्कूल के शिक्षक शिक्षिकाओं को देती है। आगे चलकर पुलिस बनना चाहती है। साथ ही उन्होंने कहा पुलिस की वर्दी पहन कर गर्व महसूस होता है इसलिए वह पुलिस बनना चाहती है।

वही सुमित साहू के पिता का एक चॉकलेट बिस्किट की छोटी सी दुकान है। माता संगीता देवी गृहणी है वे संत जेवियर उच्च विद्यालय बरवाडीह से मैट्रिक के परीक्षा दिए थे। आगे चलकर व जज बनना चाहता है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने गुरुजन, माता-पिता व मित्रों को दी है।