सिमडेगा में साइबर ठग डाले थे डेरा, अपराध करने से पहले पुलिस ने दबोचा

Crime Ek Sandesh Live

AMIT RANJAN

सिमडेगा: साइबर ठगों के विरुद्ध सिमडेगा पुलिस को आज एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी। पुलिस ने सिमडेगा में डेरा डाल कर बैठे तीन साइबर अपराधियों को धर दबोचा। डीएसपी हेड रणवीर सिंह और एसडीपीओ बैजू उरांव ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि अपराध अनुसंधान विभाग झारखण्ड रांची के प्रतिबिंब पोर्टल में उल्लेखित संदिग्ध मोबाईल नम्बर-8972189457 और मोबाइल आईएमआई नंबर 867726047329216. 861495048349773 का टॉवर लोकेशन कई दिनों से भट्ठीटोली सिमडेगा के आस-पास सक्रिय था। इसकी सूचना पर एसपी सिमडेगा सौरभ के द्वारा एसडीपीओ और डीएसपी हेड क्वार्टर के नेतृत्व में टीम गठित करते हुए संदिग्ध व्यक्तियों के विरूद्ध छापामारी करने का निर्देश दिया गया।

एसपी सौरभ के निर्देश पर छापामारी दल के साथ तकनिकी सेल के मदद से पुलिस घटनास्थल के समीप पहुँच कर गुप्त रूप से पुछताछ करने पर पता चला कि भट्टीटोली निवासी जैद आलम के मकान में देवघर के कुछ युवक किरायेदार के रूप में पिछले कुछ महिनों से रह रहे हैं, जिनकी भूमिका संदिग्ध लग रही थी। जिसके बस एसपी द्वारा गठित छापामारी दल के साथ मकान मालिक जैद आलम से सम्पर्क करते हुए इनके आवास में रह रहे तीनों संदिग्ध व्यक्तियों के विरूद्ध छापामारी करने पर इनके पास से प्रतिबिंब पोर्टल में उल्लेखित संदिग्ध मोबाईल नम्बर-8972189457 एवं मोबाईल तथा अन्य पाँच मोबाईल एवं अलग से चार सिम कार्ड बरामद किया गया।

मोबाईलों के जाँच पड़ताल करने पर अलग-अलग तरीके से साईबर ठगी करने के साक्ष्य प्राप्त हुए। जिसके बाद पुलिस उक्त तीनों संदिग्धों के पास से बरामद मोबाईल एवं सिम कार्ड को विधिवत जब्त करते हुए संदिग्धों को गिरफ्तार किया। जिसमें देवघर निवासी रतन दास, बास्की दास और जितेंद्र दास शामिल हैं। पुलिसिया पुछताछ में संदिग्धों के द्वारा बताया गया कि देवघर में गिरफ्तारी होने के डर से सिमडेगा जिला में रह कर लोगों को मोबाईल फोन से झांसे में लेकर ठगी करने का काम करते थे। सिमडेगा में भी ये ठगी का कार्य शुरू करने वाले थे। लेकिन पुलिस की तकनीकी सेल और प्रतिबिंब एप की बदौलत इनको पुलिस ने दबोच लिया। गिरफ्तार व्यक्तियों के द्वारा अपना-अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताये कि सिमडेगा जिला अन्तर्गत रहने बाले कई लोगों को मोबाईल फोन से फोन कर तरह-तरह के योजनाओं के लाभ देने को लेकर झांसे में लेते थे एवं उनसे ओटीपी प्राप्त कर बैंक खातों से पैसो की निकासी कर लेते थे। पुछताछ में संदिग्धों के द्वारा बताया गया कि देवघर में गिरफ्तारी होने के डर से सिमडेगा जिला में रह कर घटना कारित करने वाले थे। लेकिन सिमडेगा में किसी घटना करने से पूर्व ये पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिस को इनके पास से 06 मोबाइल मिले हैं। पुलिस के छापामारी दल में पुनि भिखारी राम, पुअनि मनिष कुमार, पुअनि दिपेश कुमार, पुअनि रमेश कुमार झा, पुअनि एकज प्रमाणिक और पुअनि विनय कुमार शामिल थे।