रांची : झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर उपभोक्ताओं को प्रताड़ित करने का नया तरीका शुरू कर दिया है। राजधानी रांची के हर क्षेत्र के उपभोक्ता बिजली बिल के लिए विभागीय दफ्तरों का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें ना तो सही बिल मिल पा रहा है, ना ही अधिकारियों से कोई संतोषजनक जवाब। अजय राय ने कहा कि हर डिवीजन और सब-डिवीजन में उपभोक्ताओं की लंबी लाइनें लगती हैं। घंटों इंतजार के बाद जब लोग अधिकारी से पूछते हैं कि बिल कहाँ है, तो जवाब मिलता है सिस्टम अपडेट हो रहा है। आखिर कब तक सिस्टम अपडेट होता रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि जब तक विभाग का पूरा सिस्टम अपडेट नहीं होता तब तक उपभोक्ताओं का लाइन नहीं करना चाहिए या सुनिश्चित करें विभाग कि उपभोक्ता को बिल समय पर और सही रूप में मिले। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटर का उद्देश्य पारदर्शिता और सटीक बिलिंग था, लेकिन हकीकत यह है कि सिस्टम फेल है और उपभोक्ता बेहाल हैं। कई जगहों पर उपभोक्ताओं से बिना बिल दिए ही भुगतान का दबाव बनाया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर, रांची के टाटीसिलवे लालपुर कोकर हरमू, बरियातू हिनू धुर्वा रातु रोड और कांके डिवीजन में उपभोक्ता तीन-तीन महीने से बिल का इंतजार कर रहे हैं। वहीं, कुछ जगहों पर बिल का मीटर रीडिंग से कोई तालमेल नहीं, जिससे उपभोक्ता दोगुना-तीनगुना बिल देखकर हैरान हैं। अजय राय ने कहा कि यह विडंबना है कि उपभोक्ताओं को ज्ञान बांटने वाले बिजली अधिकारी खुद बिल उपलब्ध कराने में नाकाम हैं। जो विभाग अपने उपभोक्ताओं को समय पर बिल नहीं दे सकता, उसे स्मार्ट नहीं, फेल विभाग कहना अधिक उचित है। उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से सवाल किया कि यह विभाग आपके अधीन है, फिर भी अब तक आपने न तो इस समस्या की समीक्षा बैठक की, न ही जनता की पीड़ा सुनी। क्या उपभोक्ताओं की आवाज अब आपकी सरकार तक नहीं पहुँचती। अजय राय ने चेतावनी दी कि यदि शीघ्र समाधान नहीं हुआ तो झारखंड ऊर्जा विकास श्रमिक संघ व्यापक रूप से जन आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगा, जिसमें उपभोक्ताओं के साथ मिलकर चरणबद्ध विरोध किया जाएगा।
