सम्मेद शिखरजी को धार्मिक स्थल के रूप में मान्यता, हाईकोर्ट का ऐतिहासिक निर्णय

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Eksandesh Desk

हजारीबाग: झारखंड हाईकोर्ट ने जैन समाज की ऐतिहासिक धार्मिक आस्था को मान्यता देते हुए सम्मेद शिखरजी (Parasnath Hill) को पूर्णतः धार्मिक स्थल घोषित किया है। कोर्ट ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को 2019 की अधिसूचना और 2023 के कार्यवृत्त को कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए हैं।

फैसले के प्रमुख बिंदु:

पर्वत क्षेत्र में पर्यटन और इको-पर्यटन गतिविधियों पर तत्काल प्रभाव से रोक किसी भी प्रकार के मांसाहारी भोजन, शिकार या पशु हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध,अवैध निर्माणों की जांच और विधिक कार्रवाई का आदेश धार्मिक महत्व को सुरक्षित रखते हुए व्यावसायिक और गैर-धार्मिक गतिविधियों पर नियंत्रण। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (DLSA) को 21 जुलाई 2025 तक निगरानी रिपोर्ट देने का निर्देश। सुरक्षा बलों की संख्या बढ़ाने और अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण के आदेश।

जैन समाज की प्रतिक्रिया:

पवन कुमार जैन अजमेरा, महामंत्री, दिगंबर जैन समाज हज़ारीबाग, ने इस ऐतिहासिक निर्णय का हार्दिक स्वागत करते हुए कहा की यह फैसला हमारी वर्षों की तपस्या और आस्था की जीत है। सम्मेद शिखरजी सिर्फ एक तीर्थ स्थल नहीं, मोक्षभूमि है जहाँ 20 तीर्थंकरों ने निर्वाण प्राप्त किया। अब यह पर्वत अपनी पवित्रता और मर्यादा के साथ सुरक्षित रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह निर्णय न केवल जैन समाज के लिए ऐतिहासिक है, बल्कि समूचे भारत की धार्मिक सहिष्णुता और संवैधानिक मूल्यों की भी जीत है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जैन और अन्य संस्थाओं की धार्मिक गतिविधियों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। जनजातीय समुदाय की धार्मिक मान्यताओं का सम्मान करते हुए अदालत ने समन्वय की भावना को बनाए रखा है। कोर्ट ने मामले की निगरानी जारी रखने और 21 जुलाई 2025 के बाद की रिपोर्ट के आधार पर आगे निर्देश जारी करने की बात कही है।

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