रांची: भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवं नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रविवार को राज्य सरकार पर बड़ा निशाना साधा। श्री मरांडी सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले की जांच द्वारा प्राप्त रिपोर्ट के बाद आज प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता को संबोधित कर रहे थे। श्री मरांडी ने कहा कि उनके द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा की अध्यक्षता में गठित जांच समिति जिसमें पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी,प्रदेश उपाध्यक्ष भानु प्रताप शाही,पूर्व मंत्री रणधीर सिंह,प्रदेश प्रवक्ता अमित मंडल,पूर्व सांसद सुनील सोरेन,महिला मोर्चा प्रदेश मंत्री अनीता सोरेन शामिल थे द्वारा हस्ताक्षरित जांच रिपोर्ट से स्पष्ट हो रहा है कि गोड्डा जिला के ललमटिया के सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा की साजिश के तहत सत्ताधारी दल ,माफिया के गठजोड़ ने पुलिस द्वारा हत्या को अंजाम दिया है। उन्होंने कहा कि इस आशंका की पुष्टि 11जून 2025 को सोशल मीडिया पर जारी एक वायरल वीडियो से होता है जिसमें झामुमो की गोड्डा में आयोजित एक सभा में झामुमो के राष्ट्रीय प्रवक्ता,मुख्यमंत्री के खास विधायक प्रतिनिधि जो हाल में ही अवैध उत्खनन एवं अन्य संगीन मामलों में ईडी कोर्ट से सशर्त जमानत पर बाहर आए हैं ने कहा है कि जो सरकार की बात नहीं सुनेगा वह पुलिस की गोली से मारा जाएगा। और ठीक दूसरे दिन 12 जून को एक मुकदमे में सूर्या हांसदा का नाम जोड़ दिया जाता है। जांच समिति ने परिवार के सदस्यों से बात कर इस बयान को सूर्या हांसदा की हत्या से जुड़ा हुआ देखा। क्योंकि ठीक दो महीने बाद सूर्या हांसदा की पुलिस द्वारा गोली मार दी गई। झारखंड पुलिस सूर्या हांसदा को अपराधी बता रही जबकि न्यायालय ने उन्हें किसी मुकदमे में अपराधी नहीं पाया। पुलिस ने जिन 24 मुकदमों का जिक्र किया है उसमें से 14 में वे बेइज्जत बरी हो चुके थे। 5मुकदमे में जमानत पर थे और 5 में जमानत विचाराधीन था। 27 मई 2025 की जिस घटना को दिखाकर पुलिस ने एफ आई आर दर्ज किया उस दिन वे बेटे का जन्मदिन मना रहे थे। जिस कंपनी की गाड़ी जलाने बकी बात कही गई उस कंपनी के किसी अधिकारी कर्मचारी ने पुलिस को सूचना नहीं दी थी। संथाल परगना पूरा क्षेत्र अवैध बांग्लादेशी घुसपैठ,अवैध खनन,धर्मांतरण ,आदिवासी बहु बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ ,जमीन पर अवैध कब्जा का केंद्र बन गया है। इन अवैध कार्यों का सत्ता पक्ष का संरक्षण प्राप्त है। स्व सूर्या हांसदा इन अवैध धंधों का विरोध करने के कारण आंखों की किरकिरी बने हुए थे। सूर्या हांसदा किसी मुकदमे में वारंटी नहीं थे इसलिए फरार नहीं थे। एक सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में क्षेत्र में सक्रिय थे। कहा कि पुलिस का इनकाउंटर से संबंधित बयान पूरी तरह से फर्जी प्रतीत होता है क्योंकि सूर्या के शरीर पर तीन गोली के निशान थे जिसमें कोई निशान पीठ पर नहीं पाया गया। बल्कि पेट में गोली लगी है।फिर कोई भागने वाले को पेट में गोली कैसे लग सकती है। भारतीय न्याय संहिता एवं पुलिस रूल का गिरफ्तारी के वक्त पालन नहीं किया गया। गिरफ्तारी के समय किसी को साक्षी नहीं बनाया गया। कोई मेडिकल टेस्ट नहीं कराई गई। 400 अनाथ बच्चों की पढ़ाई की चिंता करने वाले सूर्या हांसदा को तथाकथित आदिवासी हितैषी सरकार अपराधी बताकर हत्या करवाती है।उन्होंने कहा कि सूर्या हांसदा का परिवार ही नहीं बल्कि जनता इस हत्या की सीबीआई जांच चाहती है। जांच समिति के सदस्य एवं प्रदेश उपाध्यक्ष भानु प्रताप शाही ने प्रेसवार्ता में कहा कि बात चित से यह स्पष्ट है कि पुलिस के टॉर्चर से सूर्या हांसदा की मौत हुई है। बाद में उन्हें गोली मारकर इनकाउंटर दिखाया जा रहा। घटना स्थल से मीडिया को दूर रखा गया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में शरीर पर जो निशान पाए गए उसकी स्पष्टता नहीं है।इसलिए फिर से पोस्टमार्टम कराकर रिपोर्ट तैयार किया जाए।और पूरे घटना की सीबीआई जांच हो। प्रेसवार्ता में प्रदेश मीडिया प्रभारी शिवपूजन पाठक,सह मीडिया प्रभारी योगेंद्र प्रताप सिंह भी उपस्थित थे।
