Eksandesh Desk
हजारीबाग/कटकमसांडी: जिला मुख्यालय से महज 25 किलोमीटर दूरी पर स्थित कटकमसांडी प्रखंड कार्यालय काफी पुराना है जिसमें पहले कटकमदाग प्रखंड भी हुआ करता था तथा अब 18 पंचायत इस प्रखंड अंतर्गत आते है। पेंशन का मामला है यूं कहा जाय तो झारखंड सरकार का सारा फोकस मईया सम्मान पर है। परंतु इन दिनों वृद्धा,विधवा एवं विकलांग लोगों की कोई शुद्ध लेने वाला नहीं है। कई भुगतभोगी महिलाओं ने कहां है कि ब्लॉकवा में फोरमें दवों हथीन फेक, साल भर देले भे गले लेकिन अभी तक काम नाय होले। इन लोगों का आरोप है कि फार्म प्रखंड से गायब हो जाता है या फिर कूड़े में फेंक दिया जाता है। रजिस्टर मेंटेन होने तथा बीडीओ का हस्ताक्षर होने के बावजूद ऑनलाइन नहीं किया गया जिसके वजह से पेंशन का लाभ से वंचित हो गई क्योंकि इन गरीब एवं अहसाय महिलाओं को सुनने वाला कोई नहीं है। प्रतिनिधि भी अपना काम कहीं बिगड़ ना जाए जिसके चलते प्रखंड कर्मी को कुछ बोलते नहीं है और आए दिन इन कर्मियों का आलस्य बढ़ता ही जा रहा है जिसकी वजह से प्रखंड के सारे कामकाज सुस्त पड़ गए हैं। इन कर्मियों को ना तो विधायक और ना तो सांसद से डर है। प्रखंड में दलाली व्यवस्था किस कदर छाया हुआ है कि सारे कामकाज इनके माध्यम एवं इशारों से ही होता है अगर यह कहते हैं कि यह काम या इनका पेंशन का काम होना चाहिए तो होता है वर्ना आपके जूते घिस जाएंगे पर बगैर इनके चाहे आपका कोई काम नहीं हो सकता। हैरानी तो इस बात की है की कई पंचायत प्रतिनिधि इन कर्मियों का दलाल भी बनकर बैठे हुए हैं।