साहेबगंज : ाारखंड – बिहार सह प्रदेश प्रभारी डॉ शैलेश कुमार गिरि ने किसान पंचायत से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के दौरान कहा कि पीएमएफबीवाई 18 फरवरी 2016 को 8 वर्ष पहले शुरू की गई प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना किसानों को उनकी उपज के लिए एक बीमा है। जिस योजना का उद्देश्य किसानों के प्रीमियम बोझ कम करना और बीमित राशि के लिए फसल बीमा दावे का शीघ्र निपटान सुनिश्चित करना है। पीएमएफबीवाई का उद्देश्य फसल की विफलता पर बीमा कवर प्रदान करना है, जिससे किसानों की आय को अस्थिर होने से रोका जाए । इसमें खाद्य , तिलहन, वार्षिक वाणिज्यिक,बागवानी फसलें सम्मिलित हैं, जिनके लिए पिछले उपज के उपलब्ध आंकड़े के आधार पर योजना को पैनलाइज कर संबंधित राज्य सरकार द्वारा चयनित सामान्य बीमा कंपनियों द्वारा कार्यान्वित किया जाता है। साहिबगंज, झारखंड के किसानों ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बहुत बड़े पैमाने पर गबन का आरोप लगाते हुए लोक अदालत में भी लगायी और अब स्थानीय किसान अगले कुछ सप्ताहों में इससे संबंधित जनहित याचिका भी दायर कर सकते हैं। मैं झारखंड के मुख्यमंत्री, कृषिमंत्री, कानून मंत्री व वित्त मंत्री को ये बताना चाहता हूं कि समय रहते मंत्री किसानों के कष्ट को समझते हुए, मामले की गंभीरता को समझे और किसान नेताओं से मिलकर मामले का समाधान निकालने का प्रयास करें अन्यथा झारखंड भी किसानों के सशक्त आंदोलन से अछूता नहीं रहेगा। मैं साहेबगंज झारखंड के किसानों को ये बताना चाहता हूं कि किसी भी बड़े से बड़े समस्याओं के समाधान के लिए ताकत , मजबूती और शक्ति की आवश्यकता होती है तो यह आप सबों में कैसे आएगा। आप सभी जानते हैं कि यह कलियुग है और ऐसा ही कहा भी गया है कि संगे शक्ति कलियुगके तो सबसे पहले साहेबगंज झारखंड के किसानों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए भारतीय हलधर किसान यूनियन से जुड़ कर जिला, प्रमंडल, प्रखंड, पंचायत और वार्ड स्तर पर पदाधिकारी कार्यकारिणी सदस्य बन सदस्यता लेनी होगी। यहां मैं आपको ये बता दूं साहिबगंज जिले की अनुमानित जनसंख्या लगभग 13 होगी। जिसमें किसान लगभग 8 लाख होगें। आपके जिले में अनुमानत: 9 प्रखंड 166 पंचायत और 1349 गांवों के 166 पंचयतों में वार्ड भी करीब करीब 350 होने चाहिए। एक रफली डेटा के अनुसार किसान यूनियन के कम से कम 10 पदाधिकारी और 10 ही कार्यकारिणी सदस्य ही जुड़े तो इस प्रकार हर स्तर पर जिला -25 , प्रखंड -180 , पंचायत -3320 , वार्डों में -6640 तो आपके संगठन की कुल संख्या – 10165 होगी। सभी किसी भी जायज मांगों को संवैधानिक तरीके से लेकर किसी भी पटल पर चलें तो है किसी की हिम्मत की आप किसानों को कोई भी नजर अंदाज कर के चले। लगातार 378 दिन चले किसानों के आंदोलन प्रेरणा लें और आंदोलन का शंखनाद करें। मैंने आवाज किसानों को दी है बड़े नाज के साथ। किसान भी आवाज मिला दो मेरी आवाज के साथ यदि कोई समझता है कि किसान कमजोर है तो ये भूल न करें।