sunil Verma
रांची: सरना धर्म कोड आदिवासी धर्म कोड की मांग को लेकर झामुमो केंद्रीय नेतृत्व के निदेशार्नुसार मंगलवार को झामुमो रांची जिला समिति द्वारा जिला मुख्यालय रांची मे धरना प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपा गया। मौके पर पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने कहा साथियों पूर्वघोषित एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कार्यक्रम के तहत हमलोग यहां उपायुक्त कार्यालय के समक्ष जुटे हैं, अपनी बातों को राष्ट्रपति तक पहुंचाने के लिए उपायुक्त के माध्यम से ज्ञापन सौंपेंगे। साथियों राज्य की जनभावना के अनुरूप झामुमो लंबे समय से सरना धर्म कोड की मांग करती आ रही है। यह राज्य की भावना है कि सरना धर्म कोड लागू हो, और उस भावना का ख्याल रखते हुए राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का काम किया और उस सत्र मे सरना धर्म कोड को विधेयक के रूप मे पेश किया गया। और वो दिन था 11 नवंबर 2020 और वो एक ऐतिहासिक दिन था । जब सरना धर्म कोड को पास करके राज्यपाल महोदय के माध्यम से केंद्र सरकार को भेजने का काम किया गया। झारखण्ड मुक्ति मोर्चा चाहती है कि सरना धर्म कोड लागू हो, चाहे किसी भी कीमत पर हो। जिस तरह जनगणना के लिए हमने केंद्र सरकार को मजबूर किया उसी तरह सरना धर्म कोड के लिए भी हम केंद्र सरकार को मजबूर करेंगे। चाहे दिल्ली जाकर आंदोलन करना पड़े, हम दिल्ली भी जाकर अपनी आवाज को बुलंद करेंगे। इस अवसर पर पार्टी के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य जी ने कहा साथियों हम सब जानते हैं कि संविधान मे लिखा हुआ है कि हम अपने धर्म का प्रचार प्रसार करेंगे और मानेंगे। भाजपा के जो लोग हैं इन्हें केवल एक सरना धर्म से दिक्कत है। आदिवासियों के हक पर, उनके संपत्ति पर, उनके विचारों पर लगातार जो हमला हो रहा है उसके खिलाफ ये प्रदर्शन है। आदिवासी इस देश का सबसे पहला मालिक है। यदि जल जंगल जमीन को बचाना है तो सरना धर्म कोड को पास करना होगा। झामुमो रांची जिला संयोजक प्रमुख मुस्ताक आलम जी ने कहा सरना धर्म कोड आदिवासियों की चिर परिचित मांग है। जिस तरह से जनगणना के कॉलम मे हिन्दू का है, मुस्लिम है, सिख है, बौद्ध है, पारसी है, जैन है , क्रिश्चन है तो आदिवासी जो आदिकाल से रहने वाले हैं उनका नाम क्यों नहीं है। ये मांग काफी लंबी मांग है जिसे पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री जी ने विशेष सत्र बुलाकर पास कर केंद्र को भेजा है, परन्तु अभी तक केंद्र सरकार इसे रोके हुए है। जिस तरह झारखण्ड अलग राज्य हमलोगों ने लड़कर लिया है उसी सरना धर्म कोड के लिए भी हम आगे आंदोलन करेंगे। आज ये अंगड़ाई है आगे और लड़ाई है। तमाड़ विधायक विकास सिंह मुंडा ने कहा विधायक विकास सिंह मुंडा ने कहा सरना धर्म कोड पूरे आदिवासी समुदाय की मांग है, पूरे देश मे रहने वाले आदिवासी समुदाय की मांग है कि अलग धर्म कोड हो, जब आप जातिगणना को मांग सकते हैं तो सरना धर्म कोड को भी शामिल करे, झामुमो सरना धर्म कोड को लेकर रहेगा।
