स्वतंत्रता सेनानियों के उत्तराधिकारियों को नई केंद्र सरकार यथाशीघ्र पेंशन दे : किशोर पांडे

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अशोक वर्मा
सुगौली : स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन की एक महत्वपूर्ण बैठक सुगौली गांधी आश्रम परिसर में हुई। बैठक की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष श्रीकिशोर पांडे ने की। बैठक में काफी संख्या में उत्तराधिकारी शामिल हुए। बैठक मे स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी पेंशन एवं अन्य लंबित मांगों पर श्री किशोर पांडे ने कहा कि चंपारण में महात्मा गांधी ने सत्याग्रह आंदोलन चलाया था जो सफल हुआ था। उस आंदोलन से पूरे देश को नई शक्ति एवं ऊर्जा मिली थी परिणाम स्वरुप देश आजाद हुआ। गांधी जी चंपारण सत्याग्रह के दौरान यहां के लोगों के गरीबी को देखा था। वे चंपारण वासियो को बहुत प्यार करते थे। वे यहां की मूल समस्या शिक्षा बेरोजगारी एवं गरीबी को माना था ।उन्होंने इस दिशा में कार्य भी किया। कई बुनियादी पाठशालाये खोली। चिकित्सा व्यवस्था भी उपलब्ध कराया, शिक्षा नीति भी बनाई और जिला कलेक्टर को उसकी कॉपी दी। गांधी जी के चंपारण सत्याग्रह के कारण जिले में काफी संख्या में नवयुवक स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े और अपने जीवन की आहुति थी। कैरियर को भी समाप्त किया। आजादी के बाद 1972 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के अंदर स्वतंत्रता सेनानी पेंशन योजना लागू की और पेंशन देना आरंभ किया ।लंबे समय के बाद अब लगभग देश के सभी स्वतंत्रता सेनानी दिवंगत हो चुके हैं लेकिन उनके वंशज आज भी संघर्षमय जीवन जी रहे हैं ।स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन लंबे समय से पेंशन की मांग कर रही है इसके लिए सरकार को कोई अतिरिक्त फंड की व्यवस्था नहीं करनी है, जो पेंशन स्वतंत्रता सेनानियों को मिल रही थी उस पेंशन को ही अगर उत्तराधिकारियों को दी जाए तो समस्या का समाधान हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी मांग में यह भी है की स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारियो को रेल एवं सरकारी बस में कंसेशन मिले। चिकित्सा व्यवस्था भी अलग से सरकार करें लेकिन कहीं से भी कोई लाभ ही नहीं मिल रहा है अतः हम आज के बैठक में नई केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि इस ऐतिहासिक काम को आप करें । नरेंद्र मोदी ने चंपारण स्वतंत्रता संग्राम शताब्दी समारोह के आयोजन मे बहुत कुछ आश्वासन दिया था और जिले के अंदर कई प्रोग्राम करके करोड़ों रुपया खर्च किए थे । स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी आज उम्र के सातवें आठवे दशक में चल रहे हैं । अगर सरकार उनकी सुधि लेती है तो यह गांधी जी की प्रति उनकी सच्ची श्रद्धांजलि होगी ।कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में कौशल किशोर पाठक के अलावा अन्य कई लोग थे।