संपादकीय : शांति और विकास से बदलाव लाने की अपील विचारणीय

Alok ranjan jha Dinkar Ranchi : केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का यह कहना विचारणीय है कि हथियार और हिंसा से बदलाव नहीं आ सकता, केवल शांति और विकास से ही बदलाव लाया जा सकता है। निश्चित रूप से किसी भी समस्या का समाधान हिंसा की राह पर चलकर निकाला नहीं जा सकता। ऐसे में केंद्रीय […]

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संपादकीय : नेपाल में ‘राजशाही’ की फिर से वापसी की मांग के मायने

Alok ranjan jha Dinkar Ranchi : क्या नेपाल की जनता का लोकतंत्र से मोह भंग हो गया है? देश में जिस तरह बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं और एक बार फिर से ‘राजशाही’ की मांग उठाई जा रही है उससे यह सवाल उठना लाजिमी है। नेपाल में वर्ष […]

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संपादकीय : समाज की सोच बदली तो बेटियां छूने लगीं बुलंदियां

Alok ranjan jha Dinkar Ranchi : धीरे-धीरे ही सही, समाज की तस्वीर बदल रही है। पिछले कुछ वर्षों में लोगों की सोच में आए सकारात्मक बदलाव से हर क्षेत्र में बेटियां बुलंदियों को छू रही हैं। यह सरकार और समाज के संयुक्त प्रयास का ही परिणाम है कि अब लोग कहते हैं कि एक महिला […]

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संपादकीय : परिसीमन के मुद्दे पर बातचीत से ही निकलेगा सर्वमान्य समाधान

Alok ranjan jha Dinkar रांची : संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का तमिलनाडु से शुरू हुआ विरोध कई राज्यों तक पहुंच गया है, जो देश की एकता और अखंडता के लिए चिंता की बात है। परिसीमन से जिन-जिन राज्यों का संसद में प्रतिनिधित्व कम होने की संभावना है, उन राज्यों के तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके […]

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संपादकीय : खुशहाली के निर्धारित वैश्विक पैमाने पर कब खरे उतरेंगे हम?

Alok ranjan jha Dinkar रांची : विश्व खुशहाली सूचकांक में भारत का खराब प्रदर्शन जारी रहना निश्चित रूप से चिंताजनक है। हालांकि पिछले साल की तुलना में थोड़ा बहुत सुधार हुआ है, लेकिन दुनिया के कई युद्धरत देशों की रैंकिंग भी भारत से अच्छी है, जिसमें यूक्रेन, फिलिस्तीन, इराक और ईरान जैसे देश शामिल हैं। […]

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संपादकीय : शांतिपूर्ण और समावेशी समाज को बढ़ावा देने की आवश्यकता

Alok ranjan jha dinkar रांची : देश में लगातार बढ़ता सांप्रदायिक तनाव निस्संदेह चिंताजनक है। कानून और व्यवस्था को कुछ अति उत्साही संगठनों और नागरिकों द्वारा दंड से मुक्त होकर अनदेखा किया जाना गंभीर सवाल खड़ा करता है। हालांकि भारतीय समाज में सांप्रदायिक कलह सदियों से होती रही है, लेकिन हाल के वर्षों में यह […]

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