“वयस्क सेक्स वर्कर को हिरासत में रखना गलत” : मुंबई सत्र न्यायालय
वेश्यावृति कोई अपराध नहीं, एक वयस्क सेक्स वर्कर को बिना किसी कारण के हिरासत में रखना आर्टिकल-19 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है. इस बात को मुंबई के सत्र न्यायालय ने अपने एक सुनवाई के दौरान कहा है. दरअसल, सत्र न्यायालय ने इस बात को तब कहा जब अदालत में पीआईटीए की धारा 17 (6) के तहत एक 37 वर्षीय महिला की अपील पर सुनवाई कर रही थी. उस अपील की अंतिम सुनवाई तक पीआर बॉन्ड निष्पादित कर महिला को रिहा करने का अनुरोध किया गया था.
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